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नागालैंड में भारतीय सेना ने आम लोगों पर बरसाई गोलियां, 15 लोगों की मौत

शनिवार को भारतीय सेना के कुछ जवानों ने गोलीबारी कर नागालैंड के मोन जिले में 13 आम नागरिकों को मार डाला.

नागालैंड में भारतीय सेना ने आम लोगों पर बरसाई गोलियां, 15 लोगों की मौत
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भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटना पर खेद जाहिर किया है और कहा कि सरकारी जांच पीड़ित परिवारों को न्याय सुनिश्चित करेगी. नागालैंड में एनडीपीपी-भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार है. राज्य सरकार ने मरने वालों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है.

विपक्षी नेताओं ने घटना की कड़ी आलोचना की है. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने कहा कि जब नागरिकों को इंसान से कम समझा जाता है, तब ऐसा ही होता है. उन्होंने लिखा, "मोन जिले में असम राइफल्स/सेना के अभियान में आम नागरिकों का मारा जाना खौफनाक है. ऐसा ही होता है जब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत जैसे उच्च पदों पर बैठे लोग इंसान कों अमानुषिक समझते हैं, जिन्होंने हाल ही में भीड़ द्वारा कत्ल को प्रोत्साहित किया था.”

शांति वार्ता पर असर
नागा विद्रोही संगठनों से चल रही शांति वार्ता का इस घटना पर नकारात्मक असर पड़ना तय है. विद्रोही संगठनों ने इसे नागा लोगों के लिए एक काला दिन बताया है.

एक बयान जारी कर एनएससीएन-आईएम ने कहा, "भारतीय सेना इससे कभी अपने हाथ धोने में कामयाब नहीं हो पाएंगी. भारत और नागा पक्षों के बीच दो दशकों से बहुत अच्छे नतीजे दे रही बातचीत जारी रहन के बावजूद नागा लोगों के खिलाफ हिंसा जारी है." बयान में कहा गया कि 1997 में भारत और नागा लोगों के बीच शांति समझौता होने के बाद से यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में से एक है.

पिछले दो साल के दौरान भारत सरकार कई विद्रोही संगठनों को शांति वार्ता के लिए मनाने में कामयाब हो गई थी. इनमें खांगो कोनयाक और निकी सुमी के नेतृत्व वाले एनएससीएन के वे धड़े भी हैं जो कभी एनएससीएन-के द्वारा शांति वार्ता के सख्त खिलाफ थे.

एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने भारतीय अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "यह नागालैंड पुलिस का अभियान नहीं था जिसके लिए स्थानीय नेताओं को जिम्मेदार ठहराया जा सके. यह भारतीय सेना का अभियान था पूरी तरह गलत राह चला गया. यह नागाओं के लंबे समय से जारी भारत विद्रोह को और सही ठहराएगा. कम से कम अस्थायी तौर पर तो यह विद्रोहियों को और मजबूत करेगा. इसे केंद्र सरकार को बहुत सलीके से संभालना होगा और इसकी शुरुआत जिम्मेदार लोगों को पर कार्रवाई होती दिखाने से होगी."


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