विश्व में 140 करोड़ लोग बिजली के उपयोग से अछूते: श्रीवास्तव
नॉलेज पार्क स्थित एनआईईटी कालेज में भारत सरकार के संस्थान नेशनल पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनपीटीआई) के सहयोग से सोमवार तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ

ग्रेटर नोएडा। नॉलेज पार्क स्थित एनआईईटी कालेज में भारत सरकार के संस्थान नेशनल पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एनपीटीआई) के सहयोग से सोमवार तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि एनपीटीआई के उपनिदेशक डॉ एन.के. श्रीवास्तव थे।
डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि पावर जनरेशन के क्षेत्र में भारत ने घातीय विकास किया है। आज देश में लगभग 330 मेगावाट पावर पैदा हो रही है लेकिन इसकी पर्याप्तता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता कि आज भी भारत प्रति व्यक्ति इलेक्ट्रिसिटी खपत के मामले में विश्व में प्रति व्यक्ति इलेक्ट्रिसिटी खपत के औसत 2977 यूनिट का केवल लगभग एक तिहाई 1010 यूनिट ही प्रयोग करता है। साथ ही देश में आवश्यकता के सापेक्ष विद्युत् उत्पादन 75.95 करोड़ यूनिट कम है।
आज भी विश्व में 140 करोड़ लोगों को बिजली नहीं मिल पा रही है। बिजली की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए 2050 तक भारत सरकार को 1000 मेगावाट क्षमता के नए पावर प्रोजेक्ट लगाने होंगे। वातावरण में प्रदूषण और ग्रीन हाउस गैसों को देखते हुए अब यह उत्पादन क्षमता कोयले पर आधारित बिजली संयंत्रों के बजाय नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों से प्राप्त करनी होगी जो युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर है। कार्यक्रम में पावर सेक्टर के विशेषज्ञ एनटीपीसी के रिटायर्ड उपमहाप्रबंधक एके गोयल ने छात्रों को पावर ट्रांसमिशन में होने वाले नुकसानों के बारे में बताया।
ऊर्जा क्षेत्र में युवा इंजीनियरों के लिए रोजगार और व्यापार के भरपूर अवसर हैं। प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी इस क्षेत्र में लगातार बढ़ रही है, ऐसा देश में अधिक क्षमता की पावर टरबाइन बनाने की क्षमता के कारण ही संभव हो पाया है। हमें सभी प्रकार के पावर जेनरेसन सिस्टम प्रयोग करने होंगे क्यूंकि हर एक की अपनी सीमा है। इसलिए इस क्षेत्र में रिसर्च और नवोन्मेश के लिए भरपूर अवसर हैं।
इस अवसर पर निदेशक डॉ अजय कुमार, निदेशक (प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग) डॉ पी. पचौरी अधिष्ठाता डॉ एन. राजेश, विभागाध्यक्ष डॉ चन्दन कुमार, प्रो डॉ अरविन्द तिवारी, प्रो. श्यामलाल वर्मा, प्रो. सचिन तेजयान, अन्य अध्यापक तथा संस्थान के 250 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में अधिष्ठाता डॉ एन. राजेश ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।


