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जनपद के विकास पर होंगे 133 करोड़ 67 लाख खर्च

गौतमबुद्धनगर में 133 करोड़ 67 लाख की धनराशि से विकास कार्य कराए जाएंगे

ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्धनगर में 133 करोड़ 67 लाख की धनराशि से विकास कार्य कराए जाएंगे। शनिवार को सूबे के आबकारी एवं मद्य निषेध व जनपद के प्रभारी मंत्री जय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित वर्ष 2017-2018 की जिला योजना की बैठक में इस बजट पर मुहर लगी।

इस दौरान मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि औद्योगिक विकास की दृष्टि से जनपद गौतमबुद्धनगर बहुत ही महत्वपूर्ण जिला है। जनपद को औद्योगिक विकास के मॉडल के रूप तैयार करने के लिए तीनों औद्योगिक विकास, जिला प्रशासन के आपसी तालमेल बिठाकर क्षेत्र का चहुमंखी विकास करे। उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अभियान चलाकर जनपद ढीले विद्युत तार व क्षतिग्रस्त खंभो को ठीक कराए। उन्होंने कहा, शहरों मे 24 घंटे व ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति दी जाए।

सरकार की मंशा के अनुसार निर्धारित अवधि के दौरान सभी सड़कें गड्ढा मुक्त कराई जाए। सभी अधिकारी गुणवत्ता व समयबद्धता के विकास कार्यों को पूरा कराए। समस्त कार्यालयों में अधिकारी व कर्मचारी अपनी कार्यशैली में बदलाव लाकर जनता से मधुर व्यवहार करके उनकी समस्याओं का समाधान करे।

बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लव कुमार, अपर जिलाधिकारी प्रशासन कुमार विनीत, वित्त एवं राजस्व घनश्याम सिंह, भूअ. अधर किशोर मिश्रा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनुराग भार्गव, डीएफओ गिरीश श्रीवास्तव, जिला विकास अधिकारी डॉ. रामआसरे, परियोजना निदेशक डीआरडीए अवधेश कुमार यादव, अधीक्षण अभियंता विद्युत मुकुल सिंघल सहित जिला योजना एवं अनुश्रवण समिति के नामित सदस्य मौजूद रहे।

जनप्रतिनिधियों ने प्रभारी मंत्री से की शिकायत

जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने प्रभारी मंत्री से पशुचिकित्सालय में डॉक्टर्स एवं स्टाफ समय से की जानकारी दी। साथ ही ब्लाक को डार्क श्रेणी से मुक्त कराने की मांग की। दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर ने दादरी से पिलखुआ रोड के चौडीकरण की मांग की। सांसद सुरेन्द्र नागर ने विद्युत की समस्याओं से अवगत कराया। प्रभारी मंत्री ने जन प्रतिनिधियों की शिकायतों का समाधान कराने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए।

विभागवार यह मिला बजट

कृषि विभाग को 18 लाख 23 हजार, लघु सिंचाई 129 लाख 95 हजार, पशुपालन 172 लाख 52 हजार, दुग्ध विकास 412 लाख 29 हजार, वन 314 लाख 18 हजार, ग्राम्य विकास 171 लाख 53 हजार, पंचायती राज 1369 लाख, सौर ऊर्जा 28 लाख 40 हजार, खादी व ग्रामोद्योग 1 लाख, लोकनिर्माण 6549 लाख 79 हजार, पूल्ड आवास 200 लाख, पर्यावरण 5 लाख, पर्यटन 30 लाख, बेसिक शिक्षा 123 लाख 20 हजार, माध्यमिक शिक्षा 9 लाख, युवा कल्याण 1 लाख, चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य 613 लाख, आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा 155 लाख, होम्योपैथिक चिकित्सा 122 लाख 70 हजार, समाज कल्याण 1121 लाख 54 हजार, अनुसूचित जाति कल्याण 115 लाख 63 हजार, पिछड़ा वर्ग 12 लाख 25 हजार, अल्पसंख्यक 3 लाख, महिला कल्याण 30 लाख, दिव्यांग कल्याण 2 लाख 48 हजार, औद्योगिक प्रशिक्षिण 110 लाख, जल निगम 787 लाख 25 हजार, बाल विकास 591 लाख 6 हजार, नलकूप 25 लाख 20 हजार, प्रावैधिक शिक्षा 137 लाख 80 हजार तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए 5 लाख रुपए की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की गई।


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