बिहार भाजपा के 12 नेताओं को मिली 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा, जदयू ने साधा निशाना
बिहार में 'अग्निपथ' रक्षा भर्ती योजना के खिलाफ हुई हिंसा के मद्देनजर केंद्र द्वारा बिहार में 12 भाजपा नेताओं को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने पर जनता दल-युनाइटेड (जदयू) ने शनिवार को सवाल उठाया

पटना। बिहार में 'अग्निपथ' रक्षा भर्ती योजना के खिलाफ हुई हिंसा के मद्देनजर केंद्र द्वारा बिहार में 12 भाजपा नेताओं को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने पर जनता दल-युनाइटेड (जदयू) ने शनिवार को सवाल उठाया। गठबंधन सहयोगी पार्टी ने कहा कि भाजपा नेताओं की सुरक्षा से ज्यादा छात्रों के सुरक्षित भविष्य की जरूरत है। जद-यू एमएलसी और मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, "युवाओं के मन में यह संदेह है कि उनका भविष्य अग्निपथ और अग्निवीर जैसी योजनाओं से चौपट हो जाएगा। यदि छात्र सोच रहे हैं कि अग्निपथ योजना उनके भविष्य को और अधिक काला कर देगी, तो केंद्र सरकार को उनकी चिंताओं को दूर करने और लाभों के बारे में स्पष्ट करने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा, "अग्निपथ योजना को लेकर इस समय हर देशवासी के मन में एक बड़ा संदेह है। देश के युवाओं के मुद्दों को संबोधित करना सभी की जिम्मेदारी है। वे देश का भविष्य हैं।"
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी और तार किशोर प्रसाद, संजीव चौरसिया, हरि भूषण ठाकुर के अलावा अररिया के सांसद प्रदीप सिंह, दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर, एमएलसी अशोक अग्रवाल, एमएलसी दिलीप जायसवाल, संजय सरावगी और विजय खेमका को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा देने की घोषणा की है।
यह कदम तब उठाया गया, जब जायसवाल ने बिहार पुलिस पर आरोप लगाया कि जब आगजनी हो रही थी और भाजपा नेताओं की संपत्तियों को निशाना बना जा रहा था, तब पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे।
'वाई' श्रेणी की सुरक्षा के तहत इन नेताओं के साथ सीआरपीएफ के जवानों को भी तैनात किया जाएगा।


