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कर्नाटक के एक गांव में अंतरजातीय कपल का बहिष्कार करने के आरोप में 12 गिरफ्तार

कर्नाटक पुलिस ने चामराजनगर जिले में एक अंतरजातीय कपल का बहिष्कार करने और उन्हें धमकाने के मामले में शुक्रवार को 12 लोगों को गिरफ्तार किया है

कर्नाटक के एक गांव में अंतरजातीय कपल का बहिष्कार करने के आरोप में 12 गिरफ्तार
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चामराजनगर (कर्नाटक)। कर्नाटक पुलिस ने चामराजनगर जिले में एक अंतरजातीय कपल का बहिष्कार करने और उन्हें धमकाने के मामले में शुक्रवार को 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी व्यक्तियों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

यह घटना हाल ही में कोल्लेगल तालुक के कुनागल्ली गांव में हुई थी। पुलिस ने पहले चार लोगों को गिरफ्तार किया था और आठ आरोपियों ने शुक्रवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। पुलिस एक महिला समेत तीन अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।

परिवार कल्याण विभाग द्वारा पीड़ित परिवार को एक लाख रुपये का मुआवजा दिया गया।

पुलिस के मुताबिक, दंपति की पांच साल पहले शादी हुई थी और ग्रामीणों को इस बारे में हाल ही में पता चला। ग्रामीणों ने दंपति पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया और उनका बहिष्कार किया। प्रताड़ना और अपमान सहने में असमर्थ दंपति ने 1 मार्च को कोल्लेगल में पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई।

उप्परा सेट्टी समुदाय के गोविंदराजू को मांड्या की अनुसूचित जाति की श्वेता से प्यार हो गया था। जब उन्होंने शादी करने का फैसला किया तो घरवाले बिना किसी विरोध के राजी हो गए और सब रजिस्ट्रार ऑफिस में शादी करा दी गई।

गोविंदराजू ने अपने परिवार को मालवल्ली शहर में बसाया। वह अक्सर अपनी पत्नी के साथ पैतृक कुनागल्ली में अपने माता-पिता से मिलने आता था। जब दंपति पिछले महीने कुनागल्ली गए थे, तो श्वेता ने गलती से एक पड़ोसी से बात करते हुए कहा था कि वह एक दलित हैं।

मामला गांव के बुजुर्गों तक पहुंचा और उन्होंने 23 फरवरी को बैठक की। उन्होंने दंपति के माता-पिता को बुलाकर उन पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और 1 मार्च तक जुर्माना भरने को कहा।

इसके बाद दंपत्ति ने डीएसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, शिकायत के बारे में पता चलने पर बुजुर्गों ने जुर्माने की राशि को बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया और गांव में गोविंदराजू के परिवार का बहिष्कार कर दिया।

ग्रामीणों ने परिवार को गांव से बाहर भेज दिया और एक फरमान पारित किया कि वे गांव से राशन, सब्जियां, दूध और पानी नहीं खरीदेंगे और धमकी दी कि अगर उन्होंने फरमान का उल्लंघन किया तो दंपति को जिंदा जला दिया जाएगा।


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