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करीब 28000 प्रवासी राहत शिविरों में 12.5 लाख लोगों को आश्रय : एमएचए

गृह मंत्रालय ने रविवार को कहा कि कोरोनावायरस के संकट के बीच पूरे भारत में करीब 28,000 प्रवासी राहत शिविरों में 12.5 लाख लोगों को रखा गया है

करीब 28000 प्रवासी राहत शिविरों में 12.5 लाख लोगों को आश्रय : एमएचए
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नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने रविवार को कहा कि कोरोनावायरस के संकट के बीच पूरे भारत में करीब 28,000 प्रवासी राहत शिविरों में 12.5 लाख लोगों को रखा गया है। मंत्रालय ने कहा कि 75 लाख से अधिक लोगों को विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार, यह सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लॉकडाउन के क्रियान्वयन की निरंतर निगरानी कर रहा है और जोर देते हुए कहा कि लॉकडाउन का क्रियान्वयन और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति 'संतोषजनक' है।

गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा, "राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कुल 27,661 प्रवासी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 23,924 सरकार और 3,737 गैर सरकारी संगठनो (एनजीओ) द्वारा स्थापित किए गए हैं। इन शिविरों में लगभग 12.5 लाख प्रवासी मजदूरों को आश्रय प्रदान किया गया है।"

अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा, विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 19,460 खाद्य शिविर भी स्थापित किए गए हैं, जिनमें 9,951 सरकार द्वारा और 9,509 गैर सरकारी संगठनों द्वारा स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन शिविरों में 75 लाख से अधिक लोगों को भोजन प्रदान किया जा रहा है।

श्रीवास्तव ने कहा कि ये सुविधाएं गरीबों, निराश्रितों, प्रवासी मजदूरों को दी जा रही हैं, जिन्हें केवल भोजन की आवश्यकता होती है और जो अपने गंतव्य तक पहुंच चुके हैं, लेकिन मानक स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के कारण वे क्वारंटीन में हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एक संयुक्त ब्रीफिंग में मीडिया को संबोधित करते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि प्रवासी मजदूरों की स्थिति 'नियंत्रण में' है और उनके नियोक्ता और उद्योगों द्वारा 13.6 लाख मजदूरों को भोजन और आश्रय की सुविधा प्रदान की जा रही है।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के मद्देनजर सरकार ने दवा, चिकित्सा उपकरणों और उनके कच्चे माल जैसे आवश्यक सामानों के निर्माण और पैकेजिंग की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि 3 अप्रैल को अपने दिशानिर्देश में, सरकार ने इन विनिर्माण इकाइयों में काम करने वाले कर्मचारियों के अंतर्राज्यीय गतिविधि को छूट दी थी।

कुछ दवा कंपनियों की समस्याओं का समाधान करते हुए श्रीवास्तव ने कहा, गृह सचिव अजय भल्ला ने रविवार को संबंधित राज्यों को अपने क्षेत्रों में ऐसी विनिर्माण इकाइयों को पूरा समर्थन देने के लिए लिखा है। गृह सचिव ने राज्यों को निर्देश दिया कि वे एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करें ताकि ऐसी इकाइयों में काम करने वाले कर्मचारियों की आवाजाही लॉकडाउन अवधि के दौरान बाधित नहीं होना सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से हमें उम्मीद है कि लॉकडाउन सफल होगा।


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