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उत्तर प्रदेश में  मनाया गया स्वतन्त्रता सेनानी बिरसा मुंडा का 118 वां बलिदान दिवस

यूपी में जौनपुर के सरावां गांव में शहीद लाल बहादुर गुप्त स्मारक पर आज लक्ष्मी बाई ब्रिगेड के कार्यकर्ताओ ने आदिवासी नेता एव महान स्वतन्त्रता सेनानी बिरसा मुंडा का 118 वां बलिदान दिवस मनाया

उत्तर प्रदेश में  मनाया गया स्वतन्त्रता सेनानी बिरसा मुंडा का 118 वां बलिदान दिवस
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जौनपुर। उत्तर प्रदेश में जौनपुर के सरावां गांव में शहीद लाल बहादुर गुप्त स्मारक पर आज हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी एवं लक्ष्मी बाई ब्रिगेड के कार्यकर्ताओ ने आदिवासी नेता एव महान स्वतन्त्रता सेनानी बिरसा मुंडा का 118 वां बलिदान दिवस मनाया ।

इस अवसर पर कार्यकर्ताओ ने शहीद की याद में मोमबत्ती एवं अगरबत्ती जलाकर दो मिनट का मौन रख कर महान क्रांतिकारी मुंडा को श्रद्धांजलि दी ।

क्रान्ति स्तम्भ पर उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए लक्ष्मीबाई ब्रिगेड की अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि आदिवासी नेता बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 को लिहतु रांची (झारखंड ) में हुआ था। उन्होंने कहा कि आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के मन में विद्यार्थी जीवन से ही ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आक्रोश पैदा हो गया और मात्र 19 साल की अवस्था में ही मुंडा ने बिहार से अंग्रेजो को जाने के लिए संघर्ष शुरू किया था।

उन्होंने कहा कि मुंडा ने उस समय आदिवासी समाज को शिक्षित करने का काम किया। इसके लिए वे अंग्रेजो से लड़ाई लड़ते थे। इससे नाराज़ होकर अंग्रेजो ने मात्र 25 साल की अवस्था में आज ही के दिन सन 1900 में मुंडा को फांसी पर लटका दिया। आज भी झारखंड एवं बिहार के आदिवासी मुंडा को अपना भगवान मानते हैं ।


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