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शहर में 114 की जगह होंगी 66 राशन दुकानें

खाद्य विभाग को ज्ञापन से आदेश मिला है कि शहर 66 वार्डों में एक-एक दुकानें ही संचालित की जाएं। अभी शहर में 114 राशन दुकानें संचालित हो रही हैं।

शहर में 114 की जगह होंगी 66 राशन दुकानें
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बिलासपुर। खाद्य विभाग को ज्ञापन से आदेश मिला है कि शहर 66 वार्डों में एक-एक दुकानें ही संचालित की जाएं। अभी शहर में 114 राशन दुकानें संचालित हो रही हैं। शासन ने हर वार्ड में केवल एक राशन दुकान चलाने का प्रयोग दुर्ग जिले में किया था। शासन का प्रयोग सफल होने पर प्रदेश के बड़े शहरों के वार्डों में एक दुकान का नियम लागू किया जा रहा है। शासन को राशन दुकान कम करने से हर साल करोड़ों की बचत होगी संचालकों को राशन बेचने का कमीशन देती है। राशन दुकान कम होने होने से शासन को कमीशन कम देना पड़ेगा।

हर वार्ड में एक राशन दुकान होने पर दुकानदारों को अधिक लाभ मिलेगा। लेकिन दुकान कम करने का विरोध भी हो सकता है। क्योंकि जिस दुकानदार का दुकान खाद्य विभाग वापस लेगा तो उसका विरोध भी उसे झेलना पड़ेगा। शासन ने खाद्य विभाग को आदेश दिया है कि शहर के वार्ड में केवल एक राशन दुकान संचालित किए जाएं। जबकि अब वर्तमान स्थिति में सरकारी राशन दुकान की संख्या 114 है। मगर शहर में 66 वार्ड होने से तो सरकारी राशन दुकानों की संख्या भी 66 हो जाएगी। 30 प्रतिशत राशन दुकानों बंद किया जाना है। दुर्ग में यह योजना सफल हुई है।

शासन का प्रयोग सफल होने पर प्रदेश के हर जिले में यह नियम लागू किया जा रहा है। शासन को हर साल राशन दुकानदार को कमीशन की राशि करोड़ों में देनी पड़ती है। लेकिन बड़े शहरों में राशन दुकानें कम हो जाने के बाद शासन को हर साल करोड़ों की बचत होगी। खाद्य विभाग शहर में राशन दुकानों का कम करने का कार्य शुरू करने जा रहा है जो राशन दुकान उचित रुप से संचालित हो रहे हैं और उपभोक्ताओं की शिकायतें नहीं आ रही हैं। दुकानों को मौका खाद्य विभाग देगा। जिन राशन दुकानों की अधिक शिकायत पहुंचती है उस राशन दुकान को बंद करने की कार्रवाई हो सकती है।

हर वार्ड में 2 से 3 दुकानें -शहर के हर वार्ड में दो से तीन राशन दुकानें संचालित हो रही हैं जबकि एक वार्ड की जनसंख्या लगभग पांच हजार से सात हजार तक है। मगर राशन दुकानदारों को खाद्य विभाग ने सात सौ से हजार राशन कार्ड से राशन वितरण करने का अधिकार दिया है जबकि सन् 2000 हजार के पहले शहर में कम राशन दुकान थे। मगर जब छत्तीसगढ़ राज्य बना तो राशन दुकानों की संख्या तेजी से बढ़ी। अब शासन राशन दुकानों में कमी तो कर रही है लेकिन राशन कालाबाजारी रोकने के उपाय अभी तक नहीं कर पाई है।

जबकि हर साल शासन को करोड़ों का राशन की कालाबाजारी से नुकसान हो रहा है। खाद्यान्न योजना आनलाइन करने के बाद भी कालाबाजारी रुक नहीं पा रही है। इधर 50 प्रतिशत राशन दुकानें बंद होती है तो सैकड़ों परिवारों के सामने बड़ी समस्या आ सकती है। शासन से शहर के हर वार्ड में एक राशन दुकान संचालित करने का आदेश आया है। वर्तमान में 114 राशन दुकान संचालित हो रही है। शहर में 66 वार्ड है और 66 दुकानें करना है। इस पर कार्य शुरू कर दिया गया है।


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