Top
Begin typing your search above and press return to search.

इस साल सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 113 वामपंथी चरमपंथी मारे गए : केंद्र

केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि इस साल सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 113 वामपंथी चरमपंथी (एलडब्ल्यूई) मारे गए हैं

इस साल सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 113 वामपंथी चरमपंथी मारे गए : केंद्र
X

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि इस साल सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 113 वामपंथी चरमपंथी (एलडब्ल्यूई) मारे गए हैं।

इसके अलावा मुठभेड़ में इस साल 25 सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए और 93 घायल हुए हैं।

लोकसभा में एक लिखित उत्तर में, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, "महाराष्ट्र के गढचिरौली जिले में 13 नवंबर को पुलिस के साथ गोलीबारी में भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य मिलिंद तेलतुम्बडे सहित सात वामपंथी चरमपंथी मारे गए। बाद में पुलिस ने छह एके-47 राइफल, एक अंडरबैरल ग्रेनेड लांचर, नौ एसएलआर, एक इंसास राइफल और तीन प्वाइंट 303 राइफल सहित 29 हथियार बरामद किए।"

मंत्री ने यह भी कहा कि वामपंथी नक्सलवाद प्रभावित राज्यों में फर्जी मुठभेड़ का कोई मामला सामने नहीं आया है।

उन्होंने कहा, "फर्जी मुठभेड़ों के मामले को रोकने और इससे निपटने के लिए एक मजबूत संवैधानिक और कानूनी तंत्र मौजूद है, जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) शामिल हैं।"

राय ने कहा, "एनएचआरसी ने पुलिस कार्रवाई में किसी व्यक्ति की मौत के मामले में मजिस्ट्रियल जांच करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस मुठभेड़ के दौरान किसी व्यक्ति की मौत के मामले की जांच में प्रभावी और स्वतंत्र जांच के लिए अपनाई जाने वाली एक विस्तृत प्रक्रिया भी निर्धारित की है।

मंत्री के जवाब के मुताबिक, इस साल शहीद हुए 25 सुरक्षाकर्मियों में 24 छत्तीसगढ़ और एक झारखंड से हैं।

मारे गए 113 वामपंथी चरमपंथियों में से सबसे अधिक 49 महाराष्ट्र में मारे गए हैं और उसके बाद छत्तीसगढ़ (37) का स्थान रहा।

आंध्र प्रदेश, बिहार और ओडिशा में छह-छह वामपंथी नक्सली मारे गए।

मंत्रालय के जवाब के अनुसार, 2016 में लगभग 221 वामपंथी चरमपंथी मारे गए थे, जबकि 2017 में 130, 2018 में 225, 2019 में 143 और 2020 में 100 चरमपंथी मारे गए।

2016 में लगभग 25 सुरक्षा बल के जवान शहीद हुए, 2017 में 19, 2018 में 15, 2019 में आठ और 2020 में 27 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it