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एलजी के कहने पर ही काट दिए गए 1100 पेड़ : दिलीप पांडे

दिल्ली के रिज एरिया में पेड़ काटने के मामले को लेकर आम आदमी पार्टी लगातार दिल्ली एलजी पर हमलावर है और यह मामला कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट की एक-एक टिप्पणी को हथियार बना कर आम आदमी पार्टी दिल्ली के एलजी पर वार कर रही है

एलजी के कहने पर ही काट दिए गए 1100 पेड़ : दिलीप पांडे
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नई दिल्ली। दिल्ली के रिज एरिया में पेड़ काटने के मामले को लेकर आम आदमी पार्टी लगातार दिल्ली एलजी पर हमलावर है और यह मामला कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट की एक-एक टिप्पणी को हथियार बना कर आम आदमी पार्टी दिल्ली के एलजी पर वार कर रही है।

आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे ने शनिवार को अपने विधायक संजीव झा और कुलदीप कुमार के साथ जानकारी साझा करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार लगातार दिल्ली के हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए काम कर रही है। इस लक्ष्य को दिल्ली सरकार प्राप्त भी कर रही है।

दिलीप पांडे के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी को हम प्रदूषण मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच बीजेपी के एलजी के कहने पर दिल्ली के रिज क्षेत्र में 1100 पेड़ अवैध तरीके से काट दिए जाते हैं। यह 1100 पेड़ काटने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचता है तो अधिकारी लीपापोती शुरू कर देते हैं। लेकिन कोर्ट की पैनी नज़र लगातार इस मामले पर बनी रही।

उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के एलजी को लेकर साफ़-साफ़ कहा कि "आप कुछ भी कर लें लेकिन आप ख़ुद को अदालत मत समझिए।" यह बेहद ही गंभीर टिप्पणी है। दिलीप पांडे का कहना है कि कुछ समय बाद आप देखना कि बीजेपी के प्रवक्ता घड़ियाली आंसू बहाकर "आप" को कोस रहे होंगे। लेकिन जब उनसे सवाल पूछा जाएगा कि आपने 1100 पेड़ों को काटकर दिल्ली की आबोहवा को स्वच्छ बनाने के प्रयास में क्या योगदान दिया? तब यह चुप्पी साध जाएंगे। दिल्ली के एलजी के ऊपर दिल्ली वालों के हितों को साधने की ज़िम्मेदारी है लेकिन वह दिल्ली वालों की जान और सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

दिलीप पांडे ने कहा है कि जो हुआ वह गलत, दुर्भाग्यपूर्ण और गैरकानूनी है। दिल्ली की जनता बीजेपी और उनके एलजी से सवाल पूछ रही है। इसी बीच दिल्ली की "आप" सरकार बीजेपी की तमाम साज़िशों से लड़ते हुए जनहित में तमाम काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी।

संजीव झा ने इस मामले में खुलासा करते हुए कहा कि हमने अधिकारियों से बात की और उन्होंने हमें बताया कि हमने एलजी साहब को समझाया लेकिन वह नहीं माने और पेड़ों की कटाई हुई। कोर्ट ने इस मामले को लेकर कहा कि हमें पहले दिन से मालूम है कि पेड़ों को काटने में एलजी साहब की सहमति है लेकिन अधिकारियों ने इस बात को छिपाने की कोशिश की।


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