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11 बार के विधायक गणपतराव देशमुख का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

भारत के दूसरे सबसे लंबे समय तक विधायक रहे और पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के वरिष्ठ नेता गणपतराव देशमुख का शुक्रवार देर रात यहां एक निजी अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया

11 बार के विधायक गणपतराव देशमुख का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
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सोलापुर, (महाराष्ट्र)। भारत के दूसरे सबसे लंबे समय तक विधायक रहे और पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के वरिष्ठ नेता गणपतराव देशमुख का शुक्रवार देर रात यहां एक निजी अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनका शनिवार दोपहर यहां संगोला में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि 95 वर्षीय देशमुख कुछ समय से बीमार थे और उन्होंने शुक्रवार को एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली।

आज सुबह जैसे ही उनके पार्थिव शरीर को सोलापुर से संगोला ले जाया गया, किसानों और मजदूरों सहित हजारों लोग नम आंखों से सड़कों पर खड़े हो गए, उन्हें अंतिम विदाई दी। इस दौरान कई लोगों ने गणपतराव देशमुख, अमर रहे के नारे लगाए।

संगोला में, जहां राष्ट्रीय तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर रखा गया था, हजारों लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे, कई ने हाथ जोड़कर प्रणाम किया और उनकी अंतिम झलक ली।

नम्रता और सादगी के प्रतीक देशमुख 1962 के बाद से संगोला सीट से महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 11 बार पीडब्ल्यूपी उम्मीदवार के रूप में चुने गए थे। बिना किसी अन्य पार्टी में शामिल हुए उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की।

वह अपने सात दशक लंबे राजनीतिक करियर में दो बार चुनाव हार गए - पहली बार 1972 में और फिर 1995 में - दूसरी बार अपने ही पोते से हार गए थे, लेकिन वह हार भी लगभग 190 वोटों के मामूली अंतर से हुई थी।

देशमुख ने 1978 में कुछ समय के लिए मंत्री के रूप में कार्य किया, जब शरद पवार मुख्यमंत्री थे और बाद में 1999 में दिवंगत सीएम विलासराव देशमुख की सरकार में पूर्ण कार्यकाल के लिए वह मंत्री रहे।

2012 में, महाराष्ट्र विधानमंडल ने एक विधायक के रूप में एक स्वर्ण जयंती (50 वर्ष) पूरा करने के लिए उन्हें हार्दिक बधाई दी।

2019 में, गणपतराव देशमुख ने मुख्य रूप से अपनी बढ़ती उम्र के आधार पर सक्रिय और चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का फैसला करके राजनीतिक हलकों को चौंका दिया था।

उस वर्ष (2019), प्रतिष्ठित संगोला सीट शिवसेना के शाहजीबापू आर. पाटिल ने हासिल की थी, जिन्होंने देशमुख के खिलाफ छह बार चुनाव लड़ा था। उन्होंने देशमुख के पोते और पीडब्ल्यूपी उम्मीदवार अनिकेत देशमुख को लगभग 750 मतों से हराकर सीट हासिल की।

अब तक, वह तमिलनाडु के दिवंगत सीएम और डीएमके सुप्रीमो एम. करुणानिधि के रिकॉर्ड के बाद भारत में दूसरे सबसे लंबे समय तक विधायक बने रहे।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ ही उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस एवं प्रवीण दारेकर ने देशमुख के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

अन्य शीर्ष नेता जैसे पीडब्ल्यूपी अध्यक्ष जयंत पाटिल, शिवसेना नेता एवं मंत्री एकनाथ शिंदे, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, राज्य राकांपा अध्यक्ष और मंत्री जयंत पाटिल सहित कई बड़े नेताओं, प्रमुख किसान समूहों और संगठनों के नेताओं ने दिग्गज नेता के निधन पर दुख व्यक्त किया है।

यहां तक कि सोशल मीडिया पर भी देशमुख को भावभीनी श्रद्धांजलि दी जा रही है।


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