आधी रात 11 लाख का गांजा जंगल में छोड़ भागे तस्कर
कोरबा जिले के रास्ते से होकर गांजा की तस्करी जारी है

कोरबा। कोरबा जिले के रास्ते से होकर गांजा की तस्करी जारी है। जिले के प्रवेश और निकासी सीमा पर चौकस जांच के अभाव में तस्कर अपना काम बेधड़क होकर अंजाम दे रहे हैं।
पूर्व में पकड़ में आये मामलों से इसकी पुष्टि होती रही है और इसी तरह का एक अन्य मामला सामने आने के बाद इतना तो तय है कि गांजा की खेप कोरबा में खपाए जाने के साथ-साथ यहां से होकर दीगर जिला व प्रांत में भी पहुंच रही है। पुलिस ने ऐसे ही अज्ञात तस्करों द्वारा फेंके गए 229 किलो गांजा को जप्त कर तफ्तीश जारी रखी है।
जानकारी के अनुसार घटना दिनांक 23 दिसंबर की रात लगभग 12 से 1 बजे के मध्य कटघोरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत सुतर्रा मुख्य मार्ग से करीब डेढ़ किमी भीतर जंगल से यह गांजा बरामद किया गया। बताया गया कि सड़क से भीतर जंगल में एम्बुलेंस जैसी दिखने वाली एक लाल रंग की गाड़ी को स्थानीय कुछ युवकों ने देखा। गाड़ी के पास दो-चार लोग खड़े थे।
आधी रात जंगल के भीतर गाड़ी और लोगों की मौजूदगी से माजरा संदिग्ध लगने पर स्थानीय युवकों ने अपने साथियों को बुला लिया और इस बीच सूचना पुलिस को भी दे दी गई थी। इधर कथित एम्बुलेंस के पास खड़े लोगों को इस बात का पता चला कि कुछ लोग उन पर निगाह रखे हुए हैं तो इन लोगों ने बमुश्किल 10 से 15 मिनट के भीतर गाड़ी में रखे काटूनों को फटा-फट बाहर फेंका और जंगल से निकलकर वाहन सहित फरार हो गए।
थोड़ी ही देर में यहां पुलिस पहुंची और लावारिश हालत में पड़े काटूनों को जप्त कर थाना लाया। पार्सल की तरह पैक किए गए 29 काटूनों को खोलने पर पुलिस के होश उड़ गए जब इसमें गांजा भरा हुआ मिला। सभी काटूनों में गांजा ठूंस-ठूंस कर भरा गया था। थाना प्रभारी ने बताया कि लावारिश हालत में मिले गांजा का वजन दो क्विंटल 29 किलो है जिसका बाजार भाव 5 हजार रुपए प्रति किलो की दर से कुल कीमत 11 लाख 45 हजार आंकी गई है। प्रकरण में धारा 102 सीआरपीसी के तहत अपराध दर्ज कर इसे फेंक कर भागने वालों और वारदात में प्रयुक्त एम्बुलेंस जैसी वाहन का सुराग तलाशा जा रहा है।
खंगाले गए सीसीटीवी कैमरे
इस संबंध में कटघोरा थाना प्रभारी निरीक्षक एमबी पटेल ने बताया कि सुतर्रा मेंं जिस जगह पर गांजा फेंका गया, उस जंगल से बाहर निकल कर पाली, बांकीमोंगरा और पेंड्रा की ओर जाने का संदेह है। इस आधार पर पुलिस ने कटघोरा, पाली और पेंड्रा मार्ग के मध्य जहां-जहां भी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं इनकी फुटेज को देखा गया लेकिन ऐसा कोई सुराग फिलहाल हाथ नहीं लगा है। पुलिस द्वारा मामले में जांच जारी रखी गई है और देर-सबेर सुराग हाथ लगने पर आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा।
यहां यह चिंतनीय है कि एम्बुलेंस जैसी आपात सेवा वाले वाहनों को रोक कर जांच पड़ताल नहीं की जाती, शायद इसी का फायदा तस्करों ने उठाया। यह तो जांच और वाहन के मिलने पर खुलासा होगा कि उपरोक्त वाहन एम्बुलेंस था या तस्करी के लिए उसे यह स्वरूप दिया गया था।
पाली में मिला था 50 लाख का गांजा, आरोपी पकड़ से दूर
वर्ष 2018 के 4 जून को पाली पुलिस ने ग्राम नुनेरा के आवास पारा में दो दिनों से बिगड़ी हालत में खड़ी भारत सरकार लिखे कैश वेन से ताला तोड़ कर 1005 किलो कीमत 50 लाख से अधिक का गांजा बरामद किया था। वेन के संबंध में पता लगाने पर यह वाहन लेलार्ड सिक्यूरिटी गार्ड कंपनी हैदराबाद में चलना मालूम हुआ।
वहां जाने पर ज्ञात हुआ कि उक्त कं पनी बंद हो गईर् है और मुख्यालय मुंबई शिफ्ट हो गया है। उक्त वाहन बसना सरईपाली, उड़ीसा के किसी राहुल मिश्रा को बेचे जाने का पता चला। उपरोक्त व्यक्ति और उसके पते पर दबिश दी गई तो राहुल नाम का व्यक्ति होना ही नहीं पाया गया व वाहन खरीदते समय दी गई आईडी, फोटो सब फर्जी मिले। पाली थाना प्रभारी निरीक्षक मानसिंह राठिया ने बताया कि अब तक गांजा तस्करी के आरोपी पकड़े नहीं जा सके हैं।


