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उदयपुर जिले में 11लाख पशुओं की होगी टैगिंग

राजस्थान में पशुपालन विभाग ने पशुओं की पहचान के लिये शुरू किये टैगिंग सिस्टम के तहत उदयपुर जिले में 11 लाख गाय - भैंसों की टैगिंग की जायेगी।

उदयपुर जिले में 11लाख पशुओं की होगी टैगिंग
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उदयपुर । राजस्थान में पशुपालन विभाग ने पशुओं की पहचान के लिये शुरू किये टैगिंग सिस्टम के तहत उदयपुर जिले में 11 लाख गाय - भैंसों की टैगिंग की जायेगी।

विभाग ने आम नागरिक के आधार कार्ड की तरह ही टैग पर अंकित 12 डिजिट का यह यूनिक नंबर ही पशु की पहचान होगा। इसमें पशु से जुडी सभी जानकारी होगी। पशुपालन विभाग ने इसके लिये बड़े स्तर पर कार्य शुरू भी कर दिया है। उदयपुर जिले में 11 लाख गाय-भैंस पर यह टैगिंग की जायेगी। इनमें से अब तक एक लाख 40 हजार पशुओं को यूनिक नंबर दे दिये गये हैं।

पशुपालन विभाग की ओर से इन्फार्मेशन नेटवर्क फॉर एनिमल प्रॉडक्टिविटी एंड हैल्थ (इनाफ) योजना के तहत सभी पशुओं के लिये 12 डिजिट का नंबर जारी किया जा रहा है। यह यूनिक नंबर ही अब उस पशु की पहचान होगा। उसका पुरा डेटा इनाफ सॉफ्टवेयर में रजिस्टर्ड भी होगा।

उदयपुर जिले में पशुपालन विभाग के 400 कर्मचारी टैगिंग के कार्य को जल्द पूरा करने में जुटे हैं। इसके लिये पशुओं की पुरी जानकारी जुटाने के बाद उसे इनाफ साफ्टवेयर में अपलोड किया जा रहा है। इस नंबर के आधार पर पशु के मालिक, पशु की टीकाकरण की स्थिति और नस्ल आदि सभी जानकारियां सोफ्टवेयर में मिल सकेगी. इससे अब पशुओं की खरीददार घर बैठे ही पशु के बारे में पूरी जानकारी जुटा सकेंगे।

इसके तहत उदयपुर जिले में 14 लाख पशुओं में से 11 लाख पशुओं पर टैगिंग की जा रही हैं। चार साल से बड़े पशुओें पर यह टैगिंग की जा रही है। इनाफ सोफ्टवेयर में अंकित किये जा रहे इस डेटा से पुलिस को भी यदि किसी पशु को उसके मालिक तक पहुंचाना है तो उसे पूरी मदद मिल सकेगी। यदि कोई चोरी के पशु को अन्यत्र कहीं छोड़ जाता है तो पुलिस इस आधार सोफ्टवेयर के माध्यम से उस पशु को उसके मालिक तक पहुंचा सकती हैं। इससे राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा।


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