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बंगाल हिंसा पर राजस्थान के कुल 108 सेवानिवृत्त अधिकारियों ने की राष्ट्रपति शासन की मांग

 2 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद पश्चिम बंगाल में व्यापक हिंसा की रिपोर्ट के विरोध में, राजस्थान के कुल 108 सेवानिवृत्त अधिकारियों ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक पत्र भेजा

बंगाल हिंसा पर राजस्थान के कुल 108 सेवानिवृत्त अधिकारियों ने की राष्ट्रपति शासन की मांग
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जयपुर। 2 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद पश्चिम बंगाल में व्यापक हिंसा की रिपोर्ट के विरोध में, राजस्थान के कुल 108 सेवानिवृत्त अधिकारियों, जिनमें एक पूर्व कुलपति और वरिष्ठ रैंक के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं, उन्होंने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक पत्र भेजा है। इन लोगों ने राज्यपाल कलराज मिश्र के जरिये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम भेजे ईमेल के माध्यम से एक ज्ञापन देकर मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। आईएएनएस से बात करते हुए, राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी, जेपी सिंघल ने कहा, '' बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंसा को देखकर हमारे दिलों ने हमें चुप नहीं बैठने दिया। लोगों की भावनाए आहत हुई है और लोकतंत्र के सिद्धांतों पर सवाल उठ रहा है।''

"कोई तो होगा जो इस हिंसा के खिलाफ आकर बोलेगा और इसलिए हम, समान विचारधारा वाले लोगों ने, राष्ट्रपति के नाम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा, जिसमें उनसे मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया है।"

हस्ताक्षर करने वालों में पूर्व आईपीएस अधिकारी के.एल. बैरवा, वरिष्ठ अधिवक्ता, सेवानिवृत्त सेना और पुलिस कर्मी, एससी एसटी समुदाय के प्रतिनिधि, पद्मश्री पुरस्कार विजेता, खिलाड़ी और पत्रकार है।

ज्ञापन में पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा गया है कि इससे संविधान के अनुच्छेद 21 का खुलेआम उल्लंघन करने के अलावा लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को ठेस पहुंची है।

यहां तक कि गरिमा के साथ जीने के अधिकार का भी व्यापक रूप से उल्लंघन किया गया है।

ज्ञापन में राष्ट्रपति से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए हिंसा को रोकने के लिए संवैधानिक प्रावधानों के तहत तत्काल कदम उठाने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने की मांग की गई।

ज्ञापन में हिंसा प्रभावित राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती के अलावा, हिंसा के पीड़ितों के लिए मुआवजे और सुरक्षा की भी मांग की गई है।


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