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बिहार की यातायात व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए 10,332 पदों की मिली स्वीकृति

बिहार की यातायात व्यवस्थाओं को बेहतर और सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं

बिहार की यातायात व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने के लिए 10,332 पदों की मिली स्वीकृति
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पटना। बिहार की यातायात व्यवस्थाओं को बेहतर और सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसके तहत 10,332 पदों की स्वीकृति दी गई है तथा ई-डिटेक्शन पोर्टल, हैंड हेल्ड डिवाइस और शरीर पर लगाये जाने वाले कैमरों से पारदर्शिता लाई गई है।

बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात) सुधांशु कुमार ने मंगलवार को बताया कि बेहतर ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर यातायात बलों की उपलब्धता के आधार पर विभिन्न जिलों में यातायात बल उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सिपाही भर्ती की परीक्षा संपन्न हो जाने के बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्वीकृत बलों की पूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 10,332 पदों की स्वीकृति दी गई है।

पहले से 12 जिलों में स्वीकृत यातायात बलों के अलावा प्रदेश के अन्य 28 जिलों में यातायात थानों के लिए 4,215 और हाईवे पेट्रोलिंग योजना के लिए 1,560 यातायात बलों की स्वीकृति मिली है। उन्होंने बताया कि बिहार में नवंबर 2023 से यातायात नियमों के उल्लंघन पर मैनुअल चालान की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद कर दी गई है। राज्य में 1,527 हैंड हेल्ड डिवाइस से यातायात नियमों को तोड़ने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।

न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप और साक्ष्य आधारित कार्रवाई के कारण चालान के दौरान मिलने वाली शिकायतों में काफी कमी आई है। साथ ही हैंड हेल्ड डिवाइस से कार्रवाई के कारण राजस्व में भी वृद्धि हुई है।

राज्य में यातायात नियमों के उल्लंघन पर चालान की कार्रवाई में वर्ष 2022 से वर्ष 2023 के बीच 116.43 फीसदी की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023 में जनवरी से जुलाई के बीच यातायात नियमों के उल्लंघन के विरुद्ध लगभग 18.75 करोड़ की जुर्माना राशि वसूली गई। इसकी तुलना में वर्ष 2024 में जनवरी से जुलाई के बीच नियम तोड़ने वालों के विरुद्ध चालान की कार्रवाई में 213 फीसदी की वृद्धि हुई है।

ट्रांसपोर्ट विभाग एवं एनआईसी के माध्यम से राज्य के सभी टोल प्लाजा पर 7 अगस्त 2024 से ई-डिटेक्शन पोर्टल की शुरुआत की गई है। 7 से 15 अगस्त 2024 तक यातायात नियमों के उल्लंघन पर लगभग 9 करोड़ 50 लाख रुपये का चालान काटा गया है।

ई-डिटेक्शन पोर्टल का उद्देश्य सड़क सुरक्षा की दिशा में सुधार लाना है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर संचालित इस पोर्टल के माध्यम से सड़क पर चलने वाली अनफिट गाड़ियों पर अंकुश लगाया जा सकता है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

उन्होंने बताया कि ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की वर्दी पर लगे कैमरे से अब हर चीज रिकॉर्ड हो रही है, जिससे यातायात नियमों के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई के दौरान पारदर्शिता बढ़ी है। इसका उद्देश्य यातायात नियमों के उल्लंघन पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों द्वारा की जाने वाली कानूनी कार्रवाई के दौरान वाहन चालकों से मिलने वाली शिकायतों को कम करना है।


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