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बुनियादी क्षेत्र में होगा 102 लाख करोड़ रुपए का निवेश: सीतारमण

श्रीमती सीतारमण ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रीय बुनियादी ढ़ांचा परियोजना के तहत 102 लाख करोड़ का व्यय होगा और इसमें निजी क्षेत्र तथा राज्य सरकारों की सहमति भी होगी।

बुनियादी क्षेत्र में होगा 102 लाख करोड़ रुपए का निवेश: सीतारमण
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नयी दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और बाजार में तरलता बढ़ाने के लिए अगले पांच साल के दौरान बुनियादी क्षेत्र में 102 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की घोषणा करते हुए मंगलवार को कहा कि इससे वर्ष 2025 तक घरेलू अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।

श्रीमती सीतारमण ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रीय बुनियादी ढ़ांचा परियोजना के तहत 102 लाख करोड़ का व्यय होगा और इसमें निजी क्षेत्र तथा राज्य सरकारों की सहमति भी होगी। इससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में मदद मिलेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था को वर्ष 2025 तक पांच हजार अरब डालर बनाने का लक्ष्य हासिल होगा।

उन्होंने कहा कि बुनियादी क्षेत्र के विकास के लिए राष्ट्रीय बुनियादी ढ़ांचा पाईपलाइन (एनआईपी)समंवय प्रणाली का गठन होगा और इसमें केंद्र सरकार के अलावा राज्य तथा निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस प्रणाली के तहत नियोजन, सूचनाओं का आदान प्रदान, निगरानी तथा एनआईपी को लागू करने का प्रारुप तय होगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि बुनियादी ढ़ांचे से संबंधित कार्यबल ने चार महीने के समय में 102 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं का चयन किया गया है। इसके लिए 70 पक्षकारों से सलाह मशविरा किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार निवेश बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और इसके एक वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में देश में विश्व निवेशक सम्मेलन का आयोजन होगा।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि एनआईपी के 25 लाख करोड रुपए ऊर्जा क्षेत्र, 20 लाख करोड़ रुपए सड़क और 14 लाख करोड़ रुपए रेल परियोजनाओं के लिए होंगे। एनआईपी में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक होगी। इसके अलावा 16 लाख करोड़ रुपए परिवहन व्यवस्था, 16 लाख करोड़ रुपए सिंचाई, 2.5 लाख करोड़ रुपए बंदरगाह एवं हवाई अड्डा, 3.2 लाख करोड़ रुपए डिजीटल आधारभूत ढ़ांचा, ग्रामीण विकास, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए रखे गये हैं।


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