'कोवैक्सीन' की दूसरी खुराक लेने के लिए 1,000 वॉलंटियर हैं तैयार
देश में विकसित कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' की पहली खुराक सफलतापूर्वक तीसरे चरण के ट्रायल के हिस्से के रूप प्रखर अस्पताल में 1,000 वॉलंटियर को दिया गया

कानपुर। देश में विकसित कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' की पहली खुराक सफलतापूर्वक तीसरे चरण के ट्रायल के हिस्से के रूप प्रखर अस्पताल में 1,000 वॉलंटियर को दिया गया। प्रखर अस्पताल के प्रमुख जांचकर्ता डॉ. जेएस कुशवाहा ने कहा, "कोवैक्सिन की दूसरी खुराक भी एक जनवरी से इन 1,000 वॉलंटियर को दी जाएगी। इस वैक्सीन की पहली खुराक विभिन्न रोजमर्रा से ताल्लुक रखने वाले स्वयंसेवकों को दी गई थी।"
वॉलंटियर के पहले समूह को 5 दिसंबर को वैक्सीन दिया गया था और उसके बाद यह अभियान 21 दिसंबर तक जारी रहा।
इन 1,000 वॉलंटियर को कोवैक्सिन देने में 17 दिन लगे।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के सहयोग से देश में स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्सीन विकसित कर रहा है।
कुशवाहा ने कहा कि कोवैक्सिन की पहली खुराक को सभी वॉलंटियर को सफलतापूर्वक दिया गया और उनकी ओर से किसी भी प्रतिक्रिया या स्वास्थ्य मुद्दे की कोई रिपोर्ट नहीं थी।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कई अन्य लोगों की तरह वह भी कोवैक्सिन के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से आपातकालीन स्वीकृति प्राप्त करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
इस बीच रूस के स्पुतनिक वी वैक्सीन के दूसरे चरण का ट्रायल भी शहर में हुआ था।
दिसंबर के पहले सप्ताह में 13 वॉलंटियर्स को शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में स्पुतनिक वी दिया गया था।


