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बीटिंग र्रिटीट समारोह का हिस्सा बनेंगे 1000 ड्रोन

देश में निर्मित करीब 1,000 ड्रोन शनिवार शाम को होने वाले बीटिंग र्रिटीट समारोह में लाइट शो का हिस्सा होंगे

बीटिंग र्रिटीट समारोह का हिस्सा बनेंगे 1000 ड्रोन
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नई दिल्ली। देश में निर्मित करीब 1,000 ड्रोन शनिवार शाम को होने वाले बीटिंग र्रिटीट समारोह में लाइट शो का हिस्सा होंगे।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि चीन, रूस और ब्रिटेन के बाद इन मानव रहित हवाई उपकरणों के साथ इतने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) द्वारा वित्त पोषित और आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्रों के नेतृत्व में भारतीय स्टार्टअप बोटलैब, लाइट शो माकिर्ंग के एक हिस्से के तौर पर शनिवार शाम बीटिंग र्रिटीट समारोह में 1,000 ड्रोन उड़ाएगा। यह गणतंत्र दिवस से संबंधित लगभग एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रमों का समापन होगा।

जितेंद्र सिंह ने कहा, यह भारत को चीन, रूस और यूके के बाद चौथा देश बना देगा, जो इतने बड़े पैमाने पर 1,000 ड्रोन के साथ शो करेगा।

शुक्रवार को ड्रोन प्रस्तुति के एक प्रदर्शन में, मंत्री ने तन्मय बुनकर, सरिता अहलावत, सुजीत राणा, मोहित शर्मा, हर्षित बत्रा, कुणाल मीणा और अन्य सहित अपने आवास पर बोटलैब स्टार्टअप टीम के सदस्यों के साथ बातचीत की।

सिंह ने कहा कि स्टार्ट-अप, बोटलैब डायनेमिक्स को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा अनुसंधान एवं विकास के लिए एक करोड़ रुपये का प्रारंभिक सीड फंड दिया गया था और बाद में प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड द्वारा पहले विकसित करने के लिए स्केल अप और व्यावसायीकरण के लिए 2.5 करोड़ रुपये दिए गए थे। यह भारत में अपनी तरह की तकनीकी परियोजना है।

बता दें कि शनिवार को नई दिल्ली विजय चौक पर आयोजित होने वाले इस साल के बीटिंग द र्रिटीट समारोह में एक नया ड्रोन प्रदर्शन इसके प्रमुख आकर्षणों में से एक होगा, जिसमें राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर रामनाथ कोविंद की गरिमामयी उपस्थिति होगी। पहली बार इस प्रदर्शन को आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में समारोह का हिस्सा बनाया गया है, जिसे आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।

मंत्री सिंह ने आगे कहा, इस परियोजना की सफलता अंतर-मंत्रालयी समन्वय का एक आदर्श उदाहरण है जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर विभिन्न विभागों और आईआईटी दिल्ली के अंतिम कार्यकारी अधिकारी तक सभी ने मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए काम किया और कंपनी को उपलब्धि का प्रदर्शन करने में समर्थन दिया।


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