Top
Begin typing your search above and press return to search.

पेयजल की गुणवत्ता के आधार पर 3 महीने में तय होगी 100 स्मार्ट सिटी की रैकिंग : पासवान

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री ने कहा कि नल द्वारा आपूर्ति किए जा रहे पेयजल की गुणवत्ता के आधार पर बीआईएस अगले 3 महीने में प्रदेशों की राजधानी समेत 100 स्मार्ट सिटी की रैंकिंग करेगा

पेयजल की गुणवत्ता के आधार पर 3 महीने में तय होगी 100 स्मार्ट सिटी की रैकिंग : पासवान
X

नई दिल्ली। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को कहा कि नल द्वारा आपूर्ति किए जा रहे पेयजल की गुणवत्ता के आधार पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अगले तीन महीने में प्रदेशों की राजधानी समेत 100 स्मार्ट सिटी की रैंकिंग करेगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद बीआईएस अगले छह महीने में देश के हर जिले में नल से आपूर्ति किए जा रहे पानी की जांच करेगा।

पासवान यहां भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा 60वें 'विश्व मानक दिवस' पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबो्िधत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय की ओर से राज्य सरकारों को पत्र लिख कर कहा गया है कि वे पीने के पानी की गुणवत्ता के लिए बीआईएस के मानक को अनिवार्य बनाएं।

दिल्ली में विभिन्न जगहों से लिए गए पानी के 11 नमूनों की जांच के संबंध में उन्होंने कहा कि फिलहाल इसकी अंतिम जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है और रिपोर्ट आने के बाद उसे अगले महीने सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2024 तक देश के हर घर में नल द्वारा पेयजल मुहैया करवाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें बीआईएस बड़ी भूमिका निभा सकता है, क्योंकि वह पानी के पाइप के लिए भी मानक तय करता है।

पासपान ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को स्वच्छ पेयजल प्राप्त करने का अधिकार है, लेकिन गरीबों को फिल्टर किया हुआ पानी नहीं मिल पाता है जिससे वे जल-जनित रोगों पीड़ित हो जाते हैं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने इस मौके पर 'एक राष्ट्र एक मानक' बनाने के लिए बीआईएस के रोडमैप का जिक्र किया।

समारोह का विषय 'वीडियो स्टैंडर्डस क्रियेट ए ग्लोबल स्टेज' था। मंत्रालय द्वारा एक बयान में कहा गया कि यह विषयवस्तु भारतीय संदर्भ में अत्यंत प्रासंगिक है, क्योंकि भारत विश्व भर में सबसे तेज बढ़ता मनोरंजन और मीडिया बाजार बन गया है।

मंत्रालय ने कहा कि उम्मीद की जाती है कि 11 प्रतिशत से अधिक संयोजित वार्षिक विकास दर से इसका विकास होगा। इस शानदार विकास के आधार पर भारत में मीडिया और मनोरंजन उद्योग 2023 तक 4,51,373 करोड़ रुपये का उद्योग बन जाएगा।

बीआईएस के महानिदेशक रोहित कुमार परमार ने कहा कि 60वें विश्व मानक दिवस की विषयवस्तु इसलिए काफी प्रासंगिक है क्योंकि इसके दायरे में मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी आते हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it