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योगी सरकार के 100 दिन: अब तक की सबसे बड़ी जनविरोधी सरकार - भाकपा (माले)

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने योगी सरकार के सोमवारको पूरे होने जा रहे 100 दिन की पूर्व संध्या पर कहा है कि इस अवधि में प्रदेश आगे के बजाय पीछे गया है

योगी सरकार के 100 दिन: अब तक की सबसे बड़ी जनविरोधी सरकार - भाकपा (माले)
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लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने योगी सरकार के सोमवारको पूरे होने जा रहे 100 दिन की पूर्व संध्या पर कहा है कि इस अवधि में प्रदेश आगे के बजाय पीछे गया है। अल्पसंख्यकों, दलितों व महिलाओं पर हिंसा में इजाफा हुआ है, दबंगई-गुंडागर्दी बढ़ी है, कानून-व्यवस्था चौपट हुई है, रोजगार का संकट गहराया है और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले बढ़े हैं।

पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि 100 दिन पूरे करने वाली योगी सरकार अब तक की सबसे बड़ी जनविरोधी सरकार साबित हुई है। यही कारण है कि सत्तामें आने के साथ ही सरकार का सड़कों पर विरोध भी शुरु हो गया। योगी सरकार ने अपनीपारी की शुरुआत मीटबंदी से की और उसका यह पहला फैसला ही सांप्रदायिक भेद-भाव पर आधारित था। इस फैसले से मीट व्यवसाय से जुड़े लाखों लोगों पर तो संकट बढ़ा ही,खासकर अल्पसंख्यक समाज के एक बड़े हिस्से का निवाला छीन गया और वे भुखमरी केकगार पर पहुंच गये हैं।

मीटबंदी लागू करने के लिए सरकार ने पूर्व के न्यायिकआदेशों की आड़ ली। लेकिन जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने हालिया फैसले में कहा कि जनता को पसंद का भोजन करने का अधिकार है, नये वैध बूचड़खाने खोलना व मीट व्यवसायियों के लाइसेंस का नवीनीकरण करना सरकार की जिम्मेवारी है और उसे करना होगा, तो योगी सरकार ने इस फैसले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। यही नहीं,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और प्रदेश सरकार के बीच हाल ही में हुई समन्वय बैठक में मुख्यमंत्री योगी द्वारा संघ के उप सरकार्यवाह को आश्वासन दिया गया कि प्रदेश में अब कोई भी नया बूचड़खाना नहीं खोला जायेगा। यह स्पष्ट तौर परयोगी सरकार द्वारा न्यायालय की अवमानना है, जो उसके वैचारिक दुराग्रह वसांप्रदायिक भेद-भाव की नीति को दिखाता है।

माले राज्य सचिव ने कहा कि योगी सरकार में सहारनपुर के सड़क दुधली में 20अप्रैल को बिना इजाजत अंबेडकर शोभायात्रा निकालने वाले भाजपा के सांसद ने पहले दलितों को अल्पसंख्यकों से भिड़ाने की कोशिश की और बाद में भीड़ के साथ एसएसपी आवास पर धावा बोल कर तोड़फोड़ की, जिसमें एसएसपी के परिवार की जान पर बन आई।

कानून को अपने हाथ में लेने वाले भाजपाइयों के खिलाफ आज तक कार्रवाई नहीं हुई,बल्कि भाजपाइयों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने वाले एसएसपी का ही तबादला कर दिया गया। यही नहीं, इस मामले में अभियुक्त भाजपा सांसद के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने के बावजूद योगी सरकार के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी योग दिवस परउक्त सांसद के साथ योग करते हैं। संदेश साफ है कि संघ-भाजपा के लोग चाहे जोकरें, उनका बाल तक बांका नहीं होगा। योगी सरकार के इस पक्षपातपूर्ण व्यवहार सेप्रदेश में दबंगों और सामंती तत्वों का मनोबल बढ़ा है और वे कमजोर वर्गों पर लगातार हमलावर हो रहे हैं।

माले नेता ने कहा कि इसका प्रमाण है सहारनपुर में 05 मई को हुई शब्बीरपुर की घटना, जिसमें दलितों के घर जलाये गये और तलवार से हमले कर उन्हें जख्मी किया गया। चार दिन के बाद दोबारा जान लेवा हमले हुए। योगी सरकार एक बार फिर से सामंती दबंगों के पक्ष में खड़ी हुई और लोकतंत्र को तार-तार किया। शब्बीरपुर के दलितों पर हमला करने वाले ठाकुरों के बजाय सताये दलितों को ही मुजरिम बना कर जेल मेंठूंस दिया गया। और तो और, इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले चंद्रशेखर और उनके संगठन का भी गला घोंटा गया। योगी सरकार में पुरानी कहावत चरितार्थ हो रही है - जबरा मारै, रोवै न दे। एक तरफ सहारनपुर समेत प्रदेश भर में दलितों परसंघ-भाजपा-हिंयुवा के लोग हमले व गुंडागर्दी कर रहे हैं और ऐसा करने वालों कोकानून की पकड़ से दूर रखा जा रहा है, दूसरी तरफ राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बना कर भाजपा दलित हितैषी होने का नाटक कर रही है। यह जनताके साथ सरासर ठगी है।

माले राज्य सचिव ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर के जेवर में हाईवे के पास 25 मईकी रात्रि सामूहिक बलात्कार-हत्या की दिल दहला देने वाली घटना के दोषी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। नाबालिग बच्चियों के साथ गैंगरेप और डकैती-लूट-अपहरण-हत्या की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। इसके बावजूद भी, भाजपा सरकार के मंत्रियों का कानून-व्यवस्था में सुधार का दावा किया जाना हास्यास्पद है।

कामरेड सुधाकर ने कहा कि भर्ती आयोगों पर योगी सरकार की रोक के खिलाफ प्रदेश के युवा आंदोलित हैं। भर्तियां चालू करने, सहारनपुर के दलितों को न्यायदेने और शिक्षण संस्थाओं का भगवाकरण रोकने जैसी मांगों के लिए लखनऊ विवि के छात्र और युवा 07 जून को जब सड़कों पर उतरे और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाया, तो एक दर्जन से ऊपर छात्र-छात्राओं को गंभीर आपराधिक धाराओं में फर्जी मुकदमा लगाकर जेल भेज दिया गया। 19 दिन से लखनऊ के जिला जेल में बंद इन युवाओं को रिहा करने के बजाय योगी सरकार तमाम तरह की पैंतरे बाजी कर रही है। योगी ने मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करते समय जिस संविधान की शपथ ली, गुजरे 100 दिन में उसकी धज्जियां ही उड़ाईं।

माले नेता ने कहा कि वोट के लिए प्रदेश में जिस किसान कर्जमाफी का भाजपा द्वारा चुनाव पूर्व वादा किया गया था, उसे भी लागू करने में योगी सरकार ने छल किया। पूरी के बजाय एकांश कर्ज माफी की जो घोषणा भी की गई, वह भी अमल से दूर है।

राज्य सचिव ने कहा कि योगी सरकार के खिलाफ दलित और छात्र-युवा तो पहले सेमोर्चा खोले हुए हैं, अब वाम संगठन से जुड़ी महिलाएं भी 30 जून को राजधानी की सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगी।


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