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10 साल बाद भी सामुदायिक भवन का निर्माण अधूरा

जिला पंचायत अध्यक्ष अजेश अग्रवाल ने वि.ख. तमनार एवं घरघोड़ा के अलग अलग पंचायत क्षेत्रों में अधूरे निर्माण कार्यो का जायजा लिया।

10 साल बाद भी सामुदायिक भवन का निर्माण अधूरा
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रायगढ़। जिला पंचायत अध्यक्ष अजेश अग्रवाल ने वि.ख. तमनार एवं घरघोड़ा के अलग अलग पंचायत क्षेत्रों में अधूरे निर्माण कार्यो का जायजा लिया। जहां मिलूपारा में 10 वर्ष पूर्व दो समुदायिक भवन का निर्माण अब तक अपूर्ण है। इसी तरह घरघोड़ा के टेरम स्थित 10 साल पूर्व बनाये गये मिडिल स्कूल भवन को अब तक हैण्डओवर नही किया गया है भवन की हालत जर्जर हो गई है। इसी तरह पोरड़ा में शौचालय व रमसा का स्कूल भवन अब तक अपूर्ण है।

जिसकी ग्रामीणों द्वारा शिकायत पर संबंधित विभाग को आवश्यक निर्देश देते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पड़े पैमान पर निर्माण कार्य अपूर्ण होने की शिकयत मिल रही थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष अजेश अग्रवाल ने शुक्रवार को घरघोड़ा एवं तमनार वि.ख. के अलग अलग पंचायतों में अधूरे निर्माण कार्यो का जायजा लिया। बताया जाता है कि तमनार ब्लाक के मिलूपारा में आर.ई.एस. विभाग द्वारा 02 सामुदायिक भवनों का निर्माण करीब 10 वर्ष पूर्व शूरू किया गया लेकिन अब तक दोनो सामुदायिक भवन का निर्माण पूर्ण नही हो सका है।

मिलूपारा बस्ती पहुंचे जिला पंचायत अध्यक्ष को ग्रामीणों ने बताया कि सामुदायिक भवन का निर्माण अधूरा कर राशि विभाग द्वारा खर्च कर दी गई है और निर्माण कार्य पूरा नही किया है। इसी तरह मिलूपारा के सिदारपारा में भी अधूरे सामुदायिक भवन की हालत जर्जर हो गई है। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अग्रवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराने का आश्वासन दिया। इसी तारतम्य में घरघोड़ा ब्लाक के टेरम में मिडिल स्कूल भवन का जायजा लिया गया। जहां 10 वर्ष पूर्व निर्मित इस स्कूल भवन को अब तक स्कूल प्रबंधन को हस्तान्तरित नही किया गया है।

ग्रामीणों ने बताया है कि पंचायत के द्वारा उक्त स्कूल भवन का निर्माण कराया गया था। छत से पानी टपकने के कारण हैण्ड ओवर नही लेने की बात बताई गई। ग्रामीणों कहां कि बीते 10 वर्षों से स्कूल भवन जस का तस पड़ा है न ही इसका मरम्मत किया जा रहा है और नही इसे स्कूल प्रबंध को देने की कार्यवाही की जा रही है जिससे बच्चे स्कूल भवन से महरूम है।

ग्रामीणों ने पोरड़ा स्थित बालिका हाईस्कूल में दो साल पूर्व निर्मित शौचालय का मूल्यांकन एवं राशि का भुगतान नही की शिकायत करते हुए कहां कि इसके कारण नवनिर्मित शौचालय में ताला जड़ा हुआ है जिससे बालिकाओं को बेहत परेशानी हो रही है। इसी तारतम्य में पोरड़ा में रमसा में निर्मित भवन का प्लास्टर और फ्लोरिन सहित व्हाईट वासिंग एवं बिजली फिटिंग का कार्य अपूर्ण है। बताया गया कि वर्ष 2012-13 में करीब 18.00 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी।

जिसका निर्माण पंचायत के द्वारा कराया गया। पूर्व सरपंच गजानंद सिदार के कार्यकाल में करीब 03.00 लाख का एडवांस लिया गया था। जिसमें से 01.00 लाख खर्च किया गया। कार्यकाल समाप्त होने पर जनपद पंचायत सी.ई.ओ. के द्वारा शेष राशि के रिकवरी की कार्यवाही की गई। जिसमें से पंचायत सचिव के द्वारा 01.00 लाख रूपये जमा करा दिया गया। इसके बाद वर्तमान सरपंच के द्वारा निर्माण कार्य कराया गया लेकिन पूर्ण राशि का भुगतान नही किया गया है।

मामले की शिकायत करते हुए सरपंच श्रीमती यशोदा राठिया ने पूर्व सरपंच के द्वारा आहारित की राशि मौजूदा कार्यकाल कार्यकाल के सरपंच से करने पर आपत्ति जताई और इस संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष से आवश्यक पहल करने की मांग की। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अग्रवाल ने इस मामले में आर.ई.एस. के एस.डी.ओ. व सब इन्जिनियर को मौके में बुलाकर जानकारी ली लेकिन सार्थक जवाब नही मिलने पर फटकार लगाई।

श्री अग्रवाल ने पंचायत क्षेत्रों में अलग अलग विभाग द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यो को गंभीरता से नही लेने पर नाराजगी जताते हुए ऐसे सभी अधूरे निर्माण कार्यो की पूर्ण जानकारी देने एवं संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करने जिला पंचायत सी.ई.ओ. को निर्देशित किया गया।

अधूरे निर्माण कार्यो का जायजा लेने पहुंचे जिला पंचायत अध्यक्ष से पंचायत के सरपंचो व ग्रामीणों ने विभागों के अधिकारियों द्वारा मनमानी करने की शिकायत की। ग्रामीणों व पंचायत के सरपंचों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि निर्माण कार्यो को लेकर अधिकारी गंभीर नही दिखते। निर्माण के दौरान मौके पर नही रहते और निर्माण कर लेने पर मूल्यांकन करने में आनाकानी करते है।

ग्रामीणों ने चर्चा में यह भी कहा कि पंचायत द्वारा निर्माण करने पर भी अधिकारी सरकारी राशि की बन्दरबांट करने की कोशिश करते है। पंचायत प्रतिनिधि द्वारा इन्कार करने पर उन्हे तरह तरह से प्रताडित करने का प्रयास किया जाता है।


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