Top
Begin typing your search above and press return to search.

मप्र से दूसरे राज्यों के 10 हजार मजदूर बसों से सीमा तक पहुंचाए गए

मध्यप्रदेश से होकर गुजरने वाले दूसरे राज्यों के मजदूरों को उनके गृहराज्य की सीमा तक पहुंचाने का सिलसिला जारी है

मप्र से दूसरे राज्यों के 10 हजार मजदूर बसों से सीमा तक पहुंचाए गए
X

भोपाल। मध्यप्रदेश से होकर गुजरने वाले दूसरे राज्यों के मजदूरों को उनके गृहराज्य की सीमा तक पहुंचाने का सिलसिला जारी है। अब तक 10 हजार मजदूरों को बसों में बिठाकर उनके गृह राज्य की सीमा तक भेजा गया है। कोरोना महामारी के चलते काम-धंधा बंद होने के कारण बड़ी संख्या में मजदूर अपने घर लौट रहे हैं। इनमें ज्यादातर महाराष्ट्र, गुजरात एवं राजस्थान से मजदूर उत्तरप्रदेश जाने के लिए मध्यप्रदेश से गुजर रहे हैं।

आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, अन्य प्रदेशों में फंसे मध्यप्रदेश के करीब दो लाख 68 हजार 601 श्रमिक अब तक प्रदेश में वापस आ चुके हैं। वहीं अन्य राज्य से आने वाले श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए मंगलवार से 375 से अधिक अतिरिक्त बसें लगाई गई हैं। प्रतिदिन 642 बसें लगातार चल रही हैं।

बताया गया है कि महाराष्ट्र की ओर से आने वाले श्रमिकों को सेंधवा बॉर्डर पर भोजन की व्यवस्था की गई और लगभग 100 बसों द्वारा उन्हें देवास ट्रांजिट पॅइंट तक पहुंचाया गया। मजदूरों को भेजने का काम लगातार चल रहा है। राज्य शासन द्वारा की गई व्यवस्था अब पुख्ता स्वरूप में आ गई है। इसके फलस्वरूप किसी भी मजदूर को मध्यप्रदेश की सीमा में न तो भूखा रहना पड़ रहा है और न ही पैदल जाने की कोई आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मजदूरों के पैदल चलने की घटनाओं को अत्यंत गंभीरता और संवेदनशीलता से लेते हुए निर्देश दिए थे कि प्रदेश की सीमा में कोई भी मजदूर भूखा नहीं रहना चाहिए और न ही उसे पैदल चलना पड़े। मजदूरों की वापसी के लिए राज्यस्तर पर 250 लाइनों का कंट्रोल रूम भी कार्यरत है।

विभिन्न प्रदेशों से प्रतिदिन लगभग सात हजार मजदूर मध्यप्रदेश की सीमाओं पर पैदल पहुंच रहे हैं। सीमावर्ती जिलों- सेंधवा, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर, श्योपुर, आगर, नीमच, सागर, छतरपुर, सिवनी और बालाघाट में पैदल मार्ग से आने वाले श्रमिकों के लिए संपूर्ण व्यवस्थाएं की गई हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it