जेएनयू हिंसा में आइशी समेत 10 छात्रों की पहचान: दिल्ली पुलिस
जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में हिंसा की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 10 छात्रों की पहचान की है।

नयी दिल्ली। जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में हिंसा की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 10 छात्रों की पहचान की है।
अपराध शाखा के उपायुक्त डॉ जॉय तिर्की ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में अब तक की जांच में मिले अहम सुरागों की जानकारी दी। डॉ तिर्की की अगुवाई में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) जेएनयू हिंसा की जांच कर रही है।
श्री तिर्की ने बताया कि हिंसा में शामिल 10 छात्रों की पहचान की गयी है जिनमें जेएनयू छात्र अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पहचान किए गए छात्रों को अभी तक हिरासत में नहीं लिया गया है, लेकिन जल्दी ही उनसे पूछताछ शुरू की जायेगी। पहचान किए गए छात्रों को नोटिस भेजा गया है और उनसे स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।
हिंसा में शामिल जिन 10 छात्रों की पहचान की गई है, उनमें आइशी घोष के अलावा चुनचुन कुमार पूर्व छात्र है जो जेएनयू परिसर में ही रहता है। इसके अलावा माही मांडवी हॉस्टल के छात्र पंकज मिश्रा, सजेता ताल्लुकदार, वास्कर विजय, पंकज कुमार, बी ए तृतीय वर्ष छात्र प्रिया रंजन, डोलन सावंत, विकास पटेल और वाट्सऐप ग्रुप यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट का ऐडमिन योगेंद्र भारद्वाज शामिल है।
डॉ तिर्की ने बताया कि हिंसा का विवाद का केंद्र आनलाइन पंजीकरण था जिसके विरोध में वामपंथ से जुड़े छात्र थे। उन्होंने सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए बताया कि एक जनवरी से पांच जनवरी के बीच पंजीकरण रोकने का प्रयास किया गया। सर्वर को नुकसान पहुंचाया गया। उन्होंने इस दौरान पेरियार और साबरमती हाॅस्टल में हुई हिंसा की जानकारी भी दी।
डॉ तिर्की ने बताया कि तीन जनवरी को स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआई) आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सदस्य केंद्रीय पंजीकरण प्रणाली को रोकने के लिए जबरन सर्वर कक्ष में घुस गए और कर्मचारियों से धक्का-मुक्की कर बाहर निकाल दिया। इसके बाद छात्र संगठनों के सदस्यों ने सर्वर बंद कर दिया। सर्वर को ठीक किया गया और छात्रों ने चार जनवरी को एक बार फिर सर्वर ठप करने का प्रयास किया। इसके लिए दोपहर में कुछ छात्रों ने पिछले शीशे के दरवाजे से सर्वर कक्ष में प्रवेश किया और उसे पूरी तरह नष्ट कर दिया । इसकी वजह से पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया ठप हो गई।
एसआईटी प्रमख ने बताया कि दोनों मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पांच जनवरी को विश्वविद्यालय परिसर में हिंसक घटनाएं हुईं। दोपहर बाद पेरियार हॉस्टल में नकाबपोश पहले हमलावरों ने चुन-चुनकर छात्रों को मारा। मारपीट करने वाले छात्रों में छात्र संघ अध्यक्ष सुश्री घोष भी शामिल थीं। उसी दिन शाम को साबरमती हॉस्टल में नकाबपोश हमलावरों ने तोड़फोड़ और हिंसा की। इस हिंसा में भी शामिल कुछ छात्रों की पहचान हुई है।
डॉ तिर्की ने बताया की कुछ छात्रों की फोटो सीसीटीवी में आ गई है। उन्होंने कहा कि हिंसा पर गलत जानकारी फैलाई जा रही है।
उधर चिह्नित छात्रों में नाम आने के बाद सुश्री घोष ने मानव संसाधन विकास विभाग के सचिव अमित कुमार से मुलाकात के बाद शुक्रवार को कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है। वह कानून के अनुसार काम करेंगी और उनका आंदोलन शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक ढंग से चलता रहेगा। उन्होंने कहा,“दिल्ली पुलिस अपनी जांच कर सकती है। हमारे पास भी सबूत हैं कि कैसे हम पर हमला किया गया।”
उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि जेएनयू कुलपति को तुरंत पद से हटाया जाये क्योंकि वह विश्वविद्यालय का सुचारु रूप से संचालन करने में सक्षम नहीं हैं। जेएनयू के लिए ऐसा कुलपति चाहिए जो नये सिरे से शुरू करने में मदद कर सके और परिसर में सामान्य स्थिति बनाने में मददगार हो।


