दस करोड़ जमा कराने होंगे
नोएडा के सुपरटेक इमेराल्ड केस में सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर सुपरटेक को 18 सितंबर तक 10 करोड़ रुपए रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए हैं
नोएडा। नोएडा के सुपरटेक इमेराल्ड केस में सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर सुपरटेक को 18 सितंबर तक 10 करोड़ रुपए रजिस्ट्री में जमा कराने के आदेश दिए हैं। इस रुपये से निवेशकों को मूलधन वापस होगा।
सुप्रीम कोर्ट मुआवजे का मामला बाद में सुनेगा। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बिल्डरों की ये रणनीति होती है कि निवेशकों को जल्द पैसा वापस ना लौटाएं क्योंकि वो समझते हैं कि सारे निवेशक सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल नहीं करेंगे। वहीं सुपरटेक ने कहा कि वो पहले ही दस करोड़ रुपए जमा करा चुके हैं इसलिए इस बार पांच करोड़ रुपए जमा कराया जाए। लेकिन कोर्ट ने इसे ठुकरा दिया।
दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दोनों टावरों को अवैध बताते हुए गिराने का आदेश दिया था। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तीन जनवरी तक सुपरटेक को दस करोड़ रुपये रजिस्ट्री में जमा करने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो खरीदार फैसला आने तक इंतजार नहीं करना चाहते और रिफंड चाहते हैं, वो भ्रम में क्यों रहे।
वहीं एनबीसीसी ने सुप्रीम कोर्ट में सील बंद रिपोर्ट सौंपी थी। कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई पर एनबीसीसी के अफसर भी कोर्ट में मौजूद रहे और बताएं कि क्या टावरों का निर्माण नियमों के मुताबिक है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी यानी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन को चार हफ्ते के भीतर टावरों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए थे। इस रिपोर्ट में कहा गया कि दोनों टावरों के बीच में नियम के मुताबिक दूरी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने 14 फीसदी ब्याज के साथ खरीदारों को रकम वापस करने के लिए कहा था।
बताते चले सुपरटेक ने सेक्टर-93ए में इमेराल्ड नाम से दो टावर खड़े किए थे। जिसमे 250 से ज्यादा निवेशक ने मकानों की बुकिंग कराई थी। आपत्तियों आने पर हाईकोर्ट ने टावरों को ध्वस्त करने के निर्देश दिए थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर स्टे लगाते हुए टावरों की सील कर दिया। साथ ही निवेशकों को पैसा वापस करने के लिए कहा। बताते चले कि काफी निवेशकों ने सुपरटेक के दूसरी परियोजना में मकान ले लिया। ऐसे में वह केस से बाहर हो गए। लेकिन बचे निवेशकों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। जिसके बाद सोमवार को कोर्ट ने सुपरटेक को 10 करोड़ रुपए जमा कराने के आदेश दिए है।


