बेणेश्वर धाम पर 10 दिवसीय मेला शुरु
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में आदिवासियों के महाकुंभ के नाम से मशहूर बेणेश्वर धाम पर दस दिवसीय मेला आज से प्रारंभ हो गया है।
बांसवाडा। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में आदिवासियों के महाकुंभ के नाम से मशहूर बेणेश्वर धाम पर दस दिवसीय मेला आज से प्रारंभ हो गया है। बांसवाडा जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर माही, सोम और जाखम नदियों के पावन जल से घिरा बेणेश्वर टापू पर इसका मुख्य मेला माघ पूर्णिमा 10 फरवरी को भरेगा।
मेले का समापन पंचमी 15 फरवरी को होगा।
प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले इस परम्परागत मेले में वागड़ अंचल से तो लाखों लोग भाग लेते हैं लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों खासकर मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे पड़ोसी राज्यों से भी बड़ी तादाद में मेलार्थी भाग लेते हैं।इसमें पवित्र जल संगम तीर्थ में स्नान, अस्थि विसर्जन, देव दर्शन, मेला बाजारों से खरीदारी, मनोरंजन आदि के साथ वह सभी आयोजन होते है जो देश के बड़े-बड़े मेलों में होता है।
गौरतलब है कि करीब तीन सौ वर्ष से संत मावजी महाराज और बेणेश्वर की गाथाएं सुनाने वाले इस मेले में लोक संस्कृति, धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं तथा दक्षिणांचलीय पुरातन एवं सम सामयिक लोक लहरियों का जीवन्त प्रतिदर्शन देखने को मिलता है।जिसे दक्षिणांचल की सम्पूर्ण थाह पानी हो, उसके लिए बेणेश्वर मेला, उसकी परंपराएं और रोचक गाथाएं अपने आप में काफी हैं।
संत मावजी के अनुयायियों और भक्तों के लिए बेणेश्वर दूसरे सारे तीर्थों से बढ़कर है जहाँ मानते हैं कि मेले में भागीदारी से साल भर सुकून का अहसास होता रहता है।
यही कारण है कि परिवार सहित लोग यहाँ आते हैं और प्रकृति, नदियों, देव धामों और जन गंगा के बीच अपने आपको पाकर आनंद का अनुभव करते हैं।


