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लॉकडाउन से प्रभावित गरीब किसान और कामगारों के लिए 1.70 लाख करोड़ का राहत पैकेज

सीतारमण - इस योजना के तहत प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना की शुरूआत की जायेगी जिसमें गरीबों को निशुल्क अनाज दिया जायेगा।

लॉकडाउन से प्रभावित गरीब किसान और कामगारों के लिए 1.70 लाख करोड़ का राहत पैकेज
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नयी दिल्ली । सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के उद्देश्य से शुरू किये गए 21 दिवसीय लॉकडाउन से प्रभावित होने वालों को ध्यान में रखते हुये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की घोषणा करते हुये 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज जारी किया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से चर्चा में इस पैकेज की घोषणा करते हुये कहा कि इस पैकेज में गरीब, किसान, मजदूर, महिला, दिहाड़ी कामगार, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, विधवाओं और संगठित क्षेत्र के कामगारों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना की शुरूआत की जायेगी जिसमें गरीबों को निशुल्क अनाज दिया जायेगा। प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत 5 किलो अतिरिक्त गेहूं या चावल अगले तीन महीने तक मिलेगा। इसके साथ ही प्रत्येक परिवार को इस अवधि में हर महीने एक किलो दाल भी दी जायेगी। इसका लाभ करीब 81 लाख उन लोगों को होगा जिनकों अभी जनवितरण प्रणाली से प्रत्येक महीने प्रति व्यक्ति पांच किलो खाद्यान्न मिल रहा है। इस योजना पर 40 हजार करोड़ रुपये व्यय होगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाली वार्षिक छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता के तहत अप्रैल के प्रारंभ में दो हजार रुपये की पहली किश्त जारी की जायेगी जिससे 8.65 लाख किसानों को 16 हजार करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित किये जायेंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के मद्देनजर मनरेगा के तहत मिलने वाली दिहाड़ी में 20 रुपये दैनिक की बढोतरी की गयी है और अब यह 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी गयी है। इससे करीब 13.62 करोड़ परिवार को लाभ होगा और इस पर 5600 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करते हुये लॉकडाउन के बाद मनरेगा के तहत काम शुरू करने की व्यवस्था की जायेगी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिल सके।

वित्त मंत्री ने कहा कि गरीबों की मदद के लिए प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत महिला खाताधारकों को अगले तीन महीने में 1500 रुपये हस्तातंरित किये जायेंगे जिससे उन्हें अपने परिवार को चलाने में सहायता मिल सकेगी। इसके तहत प्रत्येक महिला खाताधारकों के खाते में हर महीने 500-500 रुपये हस्तांतरित किये जायेंगे और इस पर करीब 31000 करोड़ रुपये व्यय होगा।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत उज्जवला योजना के 8.3 करोड़ रसोई गैस सिलेंडरधारकों को अगले तीन महीने निशुल्क सिलेंडरों की आपूर्ति की जायेगी और इस पर 13000 करोड़ रुपये व्यय होगा। वित्त मंत्री ने बताया कि तीन महीने तक एक- एक किलो दाल निशुल्क दिये जाने के लिए पांच हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

उन्होंने कहा कि महिला स्व सहायता समूहों काे भी मदद दी जायेगी। इसके तहत 63 लाख स्व सहायता समूहों को मिलने वाले गारंटी मुक्त 10 लाख रुपये के ऋण की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है। अब बगैर किसी गारंटी के इन समूहों को 20 लाख रुपये का ऋण मिल सकेगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए भी राहत पैकेज तैयार किया गया है। इसके तहत कर्मचार भविष्य निधि नियमन को संशोधित कर कामगारों को उसके अंशदान का 75 प्रतिशत हिस्सा या तीन महीने के वेतन के बराबर राशि जो भी कम हो को निकासी की सुविधा दी जायेगी। इससे ईपीएफ के तहत पंजीकृत चार करोड़ परिवारों को लाभ होगा। इसके अतिरिक्त 15 हजार रुपये तक मासिक वेतन वालों की मदद की भी पेशकश की गयी है। 100 तक कर्मचारी वाली कंपनियों को इसका लाभ मिलेगा। सरकार इस तरह के वेतनभोगियों के लिए अगले तीन महीने तक ईपीएफओ अंशदान का 12 प्रतिशत और कंपनी द्वारा दिये जाने वाले 12 प्रतिशत कुल 24 प्रतिशत राशि का भुगतान करेगी। इससे लोगों के रोजगार को बचाने में मदद मिलेगी और इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों को अगले तीन महीने में एक -एक हजार रुपये की सहायता दी जायेगी। इसके लिए तीन हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। देश में करीब तीन करोड़ बुजुर्ग विधवाएं और दिव्यांग हैं जिनके लॉकडाउन से प्रभावित होने की आशंका है और उनको इससे राहत मिलेगी।


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