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बिहार में 1.20 करोड़ किसानों को बैंक खाते में मिल रही राशि : सुशील मोदी

बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां सोमवार को कहा कि ऑनलाइन पंजीकृत राज्य के 1.20 करोड़ किसानों को विभिन्न योजनाओं की राशि सीधे आधार से जुड़े उनके बैंक खातों में भेजी जा रही है

बिहार में 1.20 करोड़ किसानों को बैंक खाते में मिल रही राशि : सुशील मोदी
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पटना। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां सोमवार को कहा कि ऑनलाइन पंजीकृत राज्य के 1.20 करोड़ किसानों को विभिन्न योजनाओं की राशि सीधे आधार से जुड़े उनके बैंक खातों में भेजी जा रही है। उन्होंने कहा, "असामान्य मानसून व प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 18. 85 लाख किसानों के बैंक खाते में दो वषरें में 1157.21 करोड़ रुपये की कृषि इनपुट सब्सिडी दिए गए हैं।"

बजट पूर्व परिचर्चा की पांचवी बैठक में कृषि प्रक्षेत्र से जुड़े किसानों व विभिन्न कृषक संघों के प्रतिनिधियों से उनके सुझाव व विचार सुनने के बाद उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम के अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत अगले पांच वषरें (2019-20 से 2023-24) के लिए 60.50 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।

उन्होंने कहा कि इस साल आठ जिलों गया, नवादा, नालंदा, भागलपुर, बांका, मुंगेर, खगड़िया एवं मधुबनी के 40 गांवों में सीधे कृषि वैज्ञानिकों की देखरेख में 1,442 एकड़ भूमि में मौसम अनुकूल फसल चक्र को अपनाया गया है और अगले वित्तीय वर्ष 2020-21 में इसे सभी जिलों में लागू किया जाएगा।

जैविक खेती प्रोत्साहन योजना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "अगले तीन वषरें के लिए 155़ 88 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। किसानों को जैविक इनपुट के लिए 11,500 रुपये प्रति एकड़ की दर से अग्रिम अनुदान दिया जाएगा। इस साल 21,000 एकड़ भूमि में जैविक खेती का लक्ष्य है।"

उपमुख्यमंत्री ने कहा, "नए कृषि यंत्रों को बढ़ावा देने के लिए 81 प्रकार के कृषि सयंत्रों पर 40 से 80 प्रतिशत तक अनुदान के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 163़51 करोड़ का प्रावधान किया गया है। फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित यंत्रों पर सामान्य श्रेणी के किसानों को 75 प्रतिशत तथा अत्यंत पिछड़ा, अनुसूचित जाति व जनजाति के किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।"

इसके साथ ही बिहार के कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा बनाए गए यंत्रों पर किसानों को 10 प्रतिशत अधिक अनुदान तथा यंत्रों के परीक्षण में लगने वाले शुल्क की शत-प्रतिशत राशि की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है।

परिचर्चा में शामिल गन्ना, आम, केला, ड्रेगन फ्रूट, स्ट्राबेरी, मशरूम, शहद, पान, दलहन, सब्जी आदि की खेती से जुड़े दो दर्जन से अधिक किसानों व सहकारी समिति के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव व विचार प्रस्तुत किए। बैठक में वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ, कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार व सचिव एन. श्रवण सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


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