बर्फीली हवाओं से उत्तर प्रदेश में मौसम हुआ खुशनुमा, कई इलाकों में बूंदाबांदी हुयी
पर्वतीय अंचलों में हुयी बर्फवारी से उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में मौसम खुशनुमा हो गया

मथुरा। पर्वतीय अंचलों में हुयी बर्फवारी से उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में मौसम खुशनुमा हो गया है।
पिछले 24 घंटे में कई इलाकों में तेज रफ्तार हवाअों के साथ बूंदाबांदी हुयी जबकि इक्का दुक्का इलाकों में ओलावृष्टि हुयी।
मौसम विभाग के अनुसार पहाड़ी इलाकों में हुयी बर्फवारी के चलते मौसम के मिजाज में फौरी बदलाव हुआ है जिसके असर अगले 24 घंटे तक रहने के आसार है।
हालांकि सप्ताह के अंत तक पारा तेजी से बढने का अनुमान है। इस बीच आगरा,मथुरा और आसपास के इलाकों में कल देर शाम हुई तेज ओला वृष्टि से सैकड़ों एकड़ की फसल नष्ट हो गई। सबसे ज्यादा गेहूं एवं सरसो की फसल को नुकसान हुआ है।
राजधानी लखनऊ,उन्नाव,कानपुर,बिल्हाैर और इटावा समेत कई इलाकों में देर शाम तेज रफ्तार बर्फीली हवाओं ने लोगों को गर्म कपड़े फिर से निकालने को मजबूर किया हालांकि आज सुबह तेज धूप ने गुलाबी ठंड के असर को कम कर दिया।
मथुरा के अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रविन्द्र कुमार ने बताया कि तहसील की टीमों को प्रभावित गांवों में रवाना कर दिया गया है।
कोई भी जनहानि या पशु हानि नही हुई है। पूर्व मंत्री एवं मांट विधानसभा से विधायक श्यामसुन्दर शर्मा ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान मांट तहसील के नौहझील ब्लाक में हुआ है ।
रामपुर, खुसलागढ़ी, तिलकागढ़ी, नानकपुर, खानपुर , मानागढ़ी, भगवान गढ़ी, मुसुमना आदि गांवों में शत प्रतिशत नुकसन हुआ है।
इन गांवों में सरसो एवं गेहू की फसल चैपट हो गई है। उन्होंने कहा कि अन्य गांवों में भी नुकसान हुआ है।
उधर छाता तहसील के नन्दगांव ब्लाक एवं चैमुहा ब्लाक सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
चैमुहा ब्लाक के प्रमुख पातीराम के अनुसार चैमुहा, अगरयाला, अहूरी, अस्तोली, नौगांव, तरौली, सैनवा,, जावली,शहदपुर, , स्याहरा गांव ओलावृष्टि से बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं।
नन्दगांव ब्लाक के प्रमुख रामेश्वर के अनुसार उनके ब्लाक के एक दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं जिनमें से लालपुर, कोटबन, दहगांव,कोंच प्रमुख हैं।
उन्होंने बताया कि 60 से 70 फीसदी तक नुकसान हुआ है। उन्होंने सरकार से ग्रामीणों को मुआबजा दिलाने की मांग की है।
छाता के एसडीएम राजेन्द्र पेन्सिया ने बताया कि सही नुकसान का पता तहसील की टीमों के वापस आने पर लगेगा।
नुकसान का पता करने के लिए भेजी गई तहसील की टीमों से कहा गया है कि वे अधिक प्रभावित लोगों की जो मदद हो सकती है जरूर करें।


