ग्यारह माह से फरार चल रहे भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन ने किया आत्म समर्पण
भीम आर्मी एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बारह हजार के इनामी और ग्यारह माह से फरार चल रहे विनय रतन ने यहां एसीजेएम प्रथम कोर्ट में आत्म समर्पण किया और अदालत ने उसे जेल भेज दिया

सहारनपुर। भीम आर्मी एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बारह हजार के इनामी और ग्यारह माह से फरार चल रहे विनय रतन ने यहां एसीजेएम प्रथम कोर्ट में आत्म समर्पण किया और अदालत ने उसे जेल भेज दिया।
इनके खिलाफ सहारनपुर के सदर बाजार कोतवाली में पांच मुकदमें दर्ज हैं। उन पर सहारनपुर नगर में नौ मई 2017 को हुई हिंसा में शामिल होने का भी आरोप हैं। फतेहपुर पुलिस ने उनके कस्बा छुटमलपुर मकान पर उनकी मौजूदगी में ही कुर्की का धारा 82 का वारंट उनकी मकान की दीवार पर 21 अप्रैल को ही चस्पा किया था। मीडिया में पुलिस अफसरों द्वारा विनय रतन को गिरफ्तार नहीं करने को लेकर काफी फजीहत हो रही थी।
गौरतलब है कि इसी वर्ष 18 फरवरी को कांसीराम आवासीय कालोनी के मैदान में हुई जनसभा में उसने मंच से सभा को संबोधित किया था और पुलिस वहां मौजूद थी। लेकिन उसको गिरफ्तार नहीं किया गया और इसी माह के 21 अप्रैल को पुलिस दल उसके घर पर उसकी मौजूदगी में कुर्की वारंट लेकर गया था। पिछले दो-तीन दिन से मीडियाकर्मी पुलिस अफसरों से सवाल पर सवाल पूछ रहे थे लेकिन अधिकारी चुप्पी साधे हुए थे। विनय रतन ने अदालत में समर्पण कर जेल जाकर इस नाटक का अंत कर दिया।
जेल जाने से पूर्व विनय रतन ने पत्रकारों से कहा कि वह पूरी तरह बेकसूर है। नौ मई 2017 को जब सहारनपुर में हिंसा हुई तो उसके ठीक एक दिन पहले 8 मई को उसकी बहन का निधन हो गया था। ऐसी सूरत में वह हिंसा में कैसे शामिल हो सकता था। अदालत परिसर में जब विनय रतन मीडियाकर्मियों से बात कर रहा था तो उसके साथ भीम आर्मी के प्रवक्ता मंजीत नोटियाल, जिला अध्यक्ष कमल वालिया, नगर अध्यक्ष प्रवीण गौतम और उसके वकील मौजूद थे।


विनय रतन के कोर्ट में पेश होने के बाद सीओ सिटी मुकेश मिश्रा पुलिस बल लेकर कोर्ट परिसर में गए थे। विनय के अदालत में सरेंडर से पूर्व गिरफ्तार नहीं किए जाने पर एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह ने कहा कि पुलिस को देर से इसकी जानकारी मिली।


