आर्थिक सुधारों का असर दिख रहा है: सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत में सुधार करने के लिए सरकार के प्रयासों का असर जमीनी स्तर पर दिखायी दे रहा

नयी दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत में सुधार करने के लिए सरकार के प्रयासों का असर जमीनी स्तर पर दिखायी दे रहा है।
श्रीमती सीतारमण ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था में सुधार करने और निवेश बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसका असर दिखाई दे रहा है। देश में निवेश बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। बैंकिंग व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है और बुनियादी ढ़ांचे में निवेश हो रहा है। इस अवसर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यिन और केंद्रीय राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय मौजूद थे।
प्याज की बढ़ रही कीमतों पर श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार प्याज का आयात कर रही है और इसके दाम कम होने लगे हैं।
वित्त मंत्री नेे कहा कि सरकार उद्योगों की चुनौतियों का समाधान करती है और उनको हरसंभव मदद उपलब्ध करायेगी। उन्होंने कहा कि उद्याेगों और संबद्ध पक्षों के साथ बजट पूर्व परामर्श सोमवार से शुरू कर दिया जाएगा। सरकार तेजी के साथ उद्याेगों की समस्याओं का समाधान कर रही है और भविष्य में भी सरकार की यही रणनीति रहेगी।
सुब्रमणियन ने कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बजट में निर्धारित 3.38 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय में से 66 फीसदी का इस्तेमाल किया जा चुका है। इसके अलावा 27 नवंबर तक आरबीआई रेपो दर से जुड़े ब्याज पर कुल 70 हजार करोड़ रुपये के आठ लाख से अधिक ऋण आवंटित किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने के साथ रियल्टी क्षेत्र को वित्त पोषण उपलब्ध कराया गया है। साथ ही बैंकों ने 2.2 लाख करोड़ रुपये में कंपनियों और 72,985 करोड़ रुपये छोटे उद्योगों को वितरित किए है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 60,314 करोड़ रुपये की पूंजी डाली गई है। आंशिक ऋण गारंटी योजना के तहत 17 प्रस्तावों के लिए 7,657 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई और खुदरा कर्ज को बढ़ावा देने के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और आवास वित्त कंपनियों के लिए 4.47 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए है।
बुनियादी ढ़ांचा क्षेत्र का उल्लेख करते हुए सुब्रमणियन ने कहा कि रेल और सड़क मंत्रालयों ने 2.46 लाख करोड़ रुपये का पूंजी व्यय किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था 50 खरब के आकार लेेने की दिशा में बढ़ रही है। इसके लिए सरकार के पास एक रणनीति है। इस पर लगातार काम हाे रहा है। सरकार के आर्थिक सुधारों कारण चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में रिकार्ड 35 अरब डालर हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार बाजार को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए गैर प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की सरकारी कंपनियों में विनिवेश कर रही है। विदेशी निवेशकों के लिए प्रावधान कड़े किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उपभोग बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इस दिशा में सरकार ने कई कदम उठायें हैं।
श्री पांडेय ने कहा कि नवंबर 2019 तक 33,000 करोड़ रुपये के आयकर रिफंड जारी किया जा चुका है जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में 36,000 करोड़ रुपये का रिफंड हुआ था। प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर में मौजूदा वित्त वर्ष में कुल तकरीबन 2.2 लाख करोड़ रुपये का रिफंड दिया जा चुका है। अभी तक 1.57 लाख करोड़ रुपये के कर रिफंड किए गए। पिछले वित्त वर्ष में यह आंकडा 1.23 लाख करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा कि इन उपायों से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को तेज करने में मदद मिलेगी। कर रिफंड के मामले 17 प्रतिशत बढ़कर 2.16 करोड़ पर पहुंच गए हैं। गुणात्मक दृष्टि से कर रिफंड 27.2 प्रतिशत अधिक रहा है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में अब तक एकीकृत जीएसटी रिफंड के रूप में 38,988 करोड़ रुपये की राशि जारी की गयी है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 56,057 करोड़ रुपये था।


