विपक्ष करेगा चैनलों का बहिष्कार !
तेजस्वी ने लिखा है "जैसा कि आप जानते हैं, इन चैनलों पर हर रोज शाम के वक्त एक खास उद्देश्य से विपक्षी पार्टियों को बदनाम करने का कुचक्र रचा जाता है।

तेजस्वी ने की विपक्ष से अपील
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों उन चैनलों के बहिष्कार का अभियान चल रहा है, जो एकतरफा भाजपा के पक्ष में हवा बताने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने न सिर्फ विपक्ष को स्थान देना बंद कर दिया है, बल्कि जनता से जुड़े मुद्दे भी चैनलों से गायब हैं। अभी तक यह अभियान केवल चैनलों को देखने तक सीमित था, सोशल मीडिया पर #bycottmodiMedia चल रहा है, अब बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विभिन्न पार्टियों के नेताओं को पत्र लिखकर टीवी समाचार चैनलों के 'डिबेट' का बहिष्कार करने की अपील की है। तेजस्वी ने राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बसपा प्रमुख मायावती सहित कई नेताओं को लिखे पत्र में कहा है, "जैसा कि आप जानते हैं, इन चैनलों पर हर रोज शाम के वक्त एक खास उद्देश्य से विपक्षी पार्टियों को बदनाम करने का कुचक्र रचा जाता है। अब ये एक प्रत्यक्ष सत्य है कि मीडिया का एक बड़ा तबका भाजपा को चुनावी फायदा पहुंचाने के लिए उसकी तरफदारी कर रहा है।"
सोशल मीडिया पर मोदी समर्थक चैनलों के विरोध की शुरुआत भारत बंद के दौरान हुई, जब इस खबर को सिरे से गायब कर दिया गया। इसके बाद दलित और पिछड़ा संगठनों ने यह अभियान शुरु किया, इस अभियान को भी सबसे पहले तेजस्वी ने ही समर्थन किया था। इसके बाद तमाम मजदूर संगठनों व कर्मचारी संगठनों ने भी इस अभियान को आगे बढ़ाया। चुनाव में यह मामला और आगे बढ़ने की संभावना है। तेजस्वी ने अपने पत्र में लिखा है, कि कि किसी भी डिबेट में इस बात की उम्मीद की जाती है कि विपक्षी पार्टियां भी किसी मुद्दे पर अपनी राय रख सकेंगी, मगर 'डिबेट' का संचालन जिस तरह से किया जाता है, उससे साफ है कि उनका झुकाव एक पार्टी की तरफ रहता है, उसी को लाभ पहुंचाना उनका मकसद है।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी ने अपने पत्र का एक हिस्सा ट्वीट करते हुए लिखा, "एक तरफ जहां हम भुखमरी, बेरोजगारी, किसान और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं, वहीं मुख्यधारा के मीडिया का एक बड़ा वर्ग भाजपा मुख्यालय द्वारा तय एजेंडे के तहत इन जन-सरोकारों पर पर्दा डाल रहा है।"
उन्होंने कहा कि कई वरिष्ठ पत्रकारों का भी कहना है कुछ मीडिया चैनलों में कोई सिद्धांत नहीं बचा है। वे अपने मालिकों के दबाव में काम कर रहे हैं। ऐसे चैनल देश का माहौल खराब करने में जुटे हुए हैं और देश के सामाजिक तानेबाने को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं।


