लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि की होती है सबसे महत्वपूर्ण भूमिका: ओम बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि जनता के कल्याण के लिये लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती

लखनऊ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि जनता के कल्याण के लिये लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधियों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
बिड़ला ने गुरुवार को यहां राष्ट्रमंडल संसदीय संघ, भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि जनता के कल्याण के लिये लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सदन के सभी सदस्यों को भी ये अधिकार मिलना चाहिए कि, सरकार उनके विचारों को गंभीरतापूर्वक ले, जिससे जनता को वे जवाब दे सकें।
उन्होंने कहा कि संसदीय गरिमा का पालन करते हुए जनप्रतिनिधियों को समाज के अंतिम व्यक्ति के जीवन में सुधार करने का प्रयास करना चाहिए। भारतीय संसदीय व्यवस्था प्राचीन व सम्पन्न रहीं हैं। उन्होंने सांसदों और विधायकों से आम लोगों के मुद्दों को उठाने का आह्वान किया ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत किया जा सके और जनता के मुद्दों को सुलझाया जा सके।
बिड़ला ने कहा कि निर्वाचित सदस्य जब भी कोई मुद्दा उठाये तो सरकार का यह कर्तव्य है कि उसकी सुनवाई करे ताकि लोगों की समस्याओं का हल निकल सके। यह संसद और राज्य विधानसभाओं का कर्तव्य है कि वे सरकार के बजट की निगरानी करें और संसद समितियों के महत्व पर बल दें।
उन्होंने कहा, संसद की समितियों की भूमिका लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके सदस्य अपने विचारों को व्यक्त करने और उन्हें सौंपे गए किसी भी मुद्दे पर अपना स्वतंत्र पक्ष रखते है।


