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खादी परिधानों को मार्डन बनाने के लिए लिया जाये निफ्ट का सहयोग:सहगल

सरकार ने बदलते परिवेश में खादी परिधानों को लोगों की मांग के अनुरूप बनाने के लिये डिजाइन इंस्टीट्यूट की स्थापना तथा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नालाजी (निफ्ट) में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे

खादी परिधानों को मार्डन बनाने के लिए लिया जाये निफ्ट का सहयोग:सहगल
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लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने बदलते परिवेश में खादी परिधानों को लोगों की मांग के अनुरूप बनाने के लिये डिजाइन इंस्टीट्यूट की स्थापना तथा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नालाजी (निफ्ट) में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षणार्थियों को खादी संस्थाओं से जोड़े जाने की वकालत की है।

खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रमुख सचिव, डा0 नवनीत सहगल ने शुक्रवार को रायबरेली में प्रगतिशीन खादी पर आयोजित सम्मेलन का संबोधित करते हुये कहा कि बदलते परिवेश तथा लोगों की परिवर्तनशील रूचि के फलस्वरूप आज फैशन टेक्नालाजी का महत्व बढ़ा है। जरूरत इस बात की है कि निफ्ट जैसी संस्थाएं लोगों की मांग के अनुरूप डिजाइन को आधुनिक रूप में विकसित करें।

श्री सहगल ने कहा कि प्रदेश में खादी परिधानों में नई डिजाइन को विकसित करने के लिए डिजाइन इंस्टीट्यूट की स्थापना पर विशेष बल दिया जा रहा है। सम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों की खादी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा खादी वस्त्रों में डिजाइन को विशेष महत्व दिया गया है। इसके लिए खादी वस्त्र निर्माताओं को नई-नई डिजाइन विकसित करने और वस्त्रों को इनके अनुरूप तैयार करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।

प्रमुख सचिव ने निफ्ट से अपेक्षा की कि वे प्रशिणार्थियों से निरंतर बदलते फैशन के अनुरूप डिजाइनों को विकसित करने का प्रशिक्षण दे। उन्होंने कहा कि निफ्ट में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षणार्थियों को खादी संस्थाओं से जोड़ा जाय। प्रत्येक खादी संस्थाओं में यह प्रशिक्षणार्थी जाकर निर्माताओं को वस्त्र निर्माण में नई डिजाइन के बारे में अवगत कराये और उन्हें मार्डन वस्त्र तैयार करने में सहयोग करें।

डां0 सहगल ने कहा कि खादी वस्त्रों के उत्पादन के साथ ही पैकेजिंग और मार्केटिंग की भी उत्कृष्ट व्यवस्था करने की जरूरत है। इस कार्य में खादी संस्थाओं के मार्गदर्शन में सरकार निफ्ट का सहयोग प्राप्त करेगी। उन्होंने कहा कि निजी उद्यमियों को भी खादी संस्थाओं के साथ जोड़ने का काम प्राथमिकता से किया जा रहा है। पीपीपी माडल के आधार पर खादी उत्पादों के विपणन के लिए शोरूम स्थापित करने की कार्रवाई की जा रही है।

प्रमुख सचिव ने कहा कि राज्य सरकार में पहली बार पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के चार जिलों-लखनऊ, सीतापुर, बहराइच तथा मिर्जापुर में प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को खादी ड्रेस आपूर्ति करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में खादी संस्थाओं को समय से आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से खादी संस्थाओं को लाभ होगा। इससे खादी का जहां उत्पादन बढ़ेगा, वहीं लोगों को व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर पर भी सुलभ होंगे।

निफ्ट के निदेशक भरत शाह ने निफ्ट के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि इस संस्थान में प्रशिक्षणार्थियों को देश-दुनियां की नवीनत्म डिजाइन तकनीक से अवगत कराया जाता है। उन्होंने कहा कि किसी भी परिधान की ताकत उसकी डिजाइन होती है। खादी में बिक्री की कोई कमी नहीं है, केवल युवाओं के हिसाब से नई डिजाइन विकसित करने की आवश्यकता है, इसमें निफ्ट पूरा सहयोग प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि डिजाइन के बारे में नई टेक्नालाजी से परिचित कराने के लिए कारीगरों को प्रशिक्षण देने के साथ ही समय-समय पर प्रदर्शनी भी लगाई जाती है।


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