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सोशल मीडिया पर बिल्डरों के दीवालिया होने का संदेश गलत

सोशल मीडिया पर बिल्डरों के वित्तीय संबंधित वायरल हो रहे एक संदेश को लेकर कॉनफडरेशन ऑफ रियल स्टेट डेवलपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) सेक्टर-06 स्थित साइबर सेल में शिकायत की है

सोशल मीडिया पर बिल्डरों के दीवालिया होने का संदेश गलत
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नोएडा। सोशल मीडिया पर बिल्डरों के वित्तीय संबंधित वायरल हो रहे एक संदेश को लेकर कॉनफडरेशन ऑफ रियल स्टेट डेवलपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) सेक्टर-06 स्थित साइबर सेल में शिकायत की है। क्रेडाई अध्यक्ष ने शिकायत पत्र में लिखा कि इस संदेश से बिल्डरों की साख पर बुरा असर पड़ रहा है।

साथ ही निवेशकों के नजरों में उनकी छवि धुमिल होती जा रही है। लिहाजा वायरल हो रहे इस संदेश को तुरंत हटाया जाए और आरोपी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। साइबर सेल मामले की जांच कर रहा है। गौरतलब है कि एनसीएलटी के निर्देश के तहत जेपी को दिवालिया घोषित किया जा रहा है। वित्तीय स्थिति स्पष्ट करने के लिए उसे 290 दिन का समय दिया गया है। जेपी की यह स्थिति बैंक लोन के चलते हुई। यही स्थिति आम्रपाली की हुई। बैंक लोन नहीं चुकाने पर कारपोरेशन बैंक ने निलामी करने का नोटिस चस्पा किया। लेकिन प्राधिकरण ने पहले ही आम्रपाली का टावर सील कर दिया। इन दोनों मामलों के बाद सोशल मीडिया पर करीब 24 बिल्डरों को लेकर एक संदेश फैसला शुरू हुआ।

जिसमे बिल्डरों की एक सूची के साथ यह लिखा गया कि इन सभी बिल्डरों ने बैंकों से लोन लिया है। बैंक द्वारा इन सभी को दिवालिया घोषित किया जा रहा है। साथ ही परियोजना के निर्माण संबंधित लिए गए सभी लोन निरस्त किए जा रहे है। साथ ही बैंक द्वारा बिल्डर को दिए जाने वाली सीधी रकम पर भी रोक लगा दी गई है। यह जानकारी नेशनल बैंकों द्वारा एक गुप्त रूप से दी गई है। संदेश वायरल होते ही क्रेडाई के प्रतिनिधियों के पास तमाम फोन पहुंचे।

जिनका स्पष्टीकरण देते-देते उनके हाथ पांव फूल चुके हैं। लिहाजा इस संदेश को तत्काल प्रभाव से रोका जाए। दरअसल, संदेश द्वारा जी रही सभी सुचनाएं गलत है। ऐसे में क्रेडाई के अध्यक्ष ने 18 अगस्त को मामले की जानकारी साइबर सेल को दी। जिस पर शिकायत दर्ज कर साइबर सेल मामले की जांच कर रही है।


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