वाजपेयी शासन काल में भारत, पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे के समाधान के बहुत करीब थे: इमरान खान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि पाकिस्तान और भारत अटल बिहारी वाजपेयी और सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ के शासन के दौरान

वाशिंगटन । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि पाकिस्तान और भारत अटल बिहारी वाजपेयी और सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ के शासन के दौरान कश्मीर मुद्दे के समाधान ‘बहुत करीब’ पहुंच गये थे।
खान ने अमेरिकी कांग्रेस की तरफ से वित्त पोषित थिंक-टैंक ‘यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस’ में मंगलवार को एक सवाल के जवाब में कहा, “ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ कश्मीर मुद्दे के समाधान के बहुत करीब आ गये थे।” उन्होंने इस मुद्दे पर ज्यादा विवरण न देते हुए कहा, “ यह एक संवेदनशील मुद्दा है।” खान ने कहा कि कश्मीर दोनों देशों के बीच विवाद का कारण है।
खान ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने सबसे पहले भारत के साथ संवाद शुरू करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “भारत एक ऐसा देश है जिसके साथ हमारे संबंध अच्छे नहीं हैं। दुर्भाग्यशवश, जब भी हमने हमारे बीच के संबंधों को सुधारने की कोशिश की और जब भी भारत के साथ संबंध सही दिशा में बढ़ने लगे तभी कश्मीर से सबंधित कुछ न कुछ घटना घट गयी और हम वापस वहीं पहुंच गये जहां से चले थे।”
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को खत्म करने और मजबूत संस्थानों के निर्माण के अलावा पाकिस्तान की शीर्ष प्राथमिकता अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाना है। उन्होंने कहा, “हमारे क्षेत्र में स्थिरता होनी चाहिए। गरीबी कम करने का सबसे अच्छा उपाय है कि हम एक दूसरे के साथ व्यापार शुरू करें।”
खान ने हाल ही में सातवीं बार गिरफ्तार किये गये मुंबई हमले के मास्टरमाइंड एवं जमा-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद पर पूछे गये एक सवाल को टालते हुए कहा कि यह पाकिस्तान के हित में है, “हम हमारे देश में किसी भी सशस्त्र आतंकवादी समूह को संचालित होने की अनुमति न दें।”
उन्होंने दावा किया कि पुलवामा हमला ‘एक आंतरिक मामला’ था। खान ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान इसलिए बीच में आ गया क्योंकि पाकिस्तान और कश्मीर में सक्रिय समूह (जैश-ए-मोहम्मद) ने हमले की जिम्मेदारी ली थी।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान में कई आतंकवादी समूह हैं। अब पाकिस्तान इन्हें खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्प है। अगर सुरक्षा बल हमारे साथ नहीं होते हो हम इन आतंकवादी समूहों से नहीं निपट सकते।”


