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कश्मीर में ईद-उल-जुहा से पहले मवेशी बाजार में भारी भीड़

कश्मीर में ईद-उल-जुहा के मद्देनजर रविवार को मवेशी बाजार खरीदारों की भीड़ से पटा पड़ा

कश्मीर में ईद-उल-जुहा से पहले मवेशी बाजार में भारी भीड़
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श्रीनगर। कश्मीर में ईद-उल-जुहा के मद्देनजर रविवार को मवेशी बाजार खरीदारों की भीड़ से पटा पड़ा है। बुधवार को ईद-उल-जुहा के मद्देनजर इस बाजार में लोगों का तांता लगा है। इस दिन दुनियाभर के मुसलमानों द्वारा बकरे की कुर्बानी देने की परंपरा है, जिसे बकरीद भी कहा जाता है।

घाटी के सभी कस्बों में मवेशी दुकानों पर भीड़ है लेकिन श्रीनगर का ईदगाह का मैदान सबसे बड़ा मवेशी बाजार है।

कुर्बानी के लिए जिन जानवरों का इस्तेमाल किया जाता है उनमें भेड़, बकरे शामिल हैं और कहीं-कहीं पर ऊंटों की कुर्बानी दी जाती है।

राज्य सरकार ने इन कुर्बानी वाले जानवरों के लिए कीमत तय की है लेकिन इस पर लोग अधिक गौर नहीं करते।

एक तंदरुस्त भेड़ की कीमत 5,000 से लेकर 12,000 रुपये के बीच हो सकती है।

कुर्बानी के जानवरों के अलावा कश्मीरियों में बेकरी के उत्पाद भी खासे लोकप्रिय हैं।

ईद के त्योहार पर परिवार के लिए बेकरी के सामान खरीदना घाटी में एक रिवाज बन गया है।

श्रीनगर में प्रसिद्ध बेकरी ईद पर लाखों रुपये के केक, पेस्ट्री और बिस्कुट बेचती हैं।

ईद पर अन्य जरूरी चीजों में नए कपड़े और पटाखे शामिल हैं।

ईद-उल-फितर के विपरीत ईद-उल-जुहा पर कसाई की दुकानों पर लोग काफी कम नजर आते हैं क्योंकि ईद-उल-जुहा पर पड़ोसी, रिश्तेदार और दोस्त घर-घर जाकर कुर्बानी का गोश्त बांटते हैं।


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