बस अड्डे को ठेके पर देने से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी-मिन्हास
पंजाब रोडवेज के जालंधर जनरल बस अड्डे के रखरखाव का काम एक बार फिर से निजी कम्पनी आरआरकेके के हवाले कर दिया गया

जालंधर । पंजाब रोडवेज के जालंधर जनरल बस अड्डे के रखरखाव का काम एक बार फिर से निजी कम्पनी आरआरकेके के हवाले कर दिया गया है और उसने एक मई से जालंधर के बस अड्डे के रखरखाव का काम संभाल लिया है।
पंजाब रोडवेज जालंधर डिपो के महाप्रबंधक परनीत सिंह मिन्हास ने बताया कि जालंधर के बस अड्डे को आप्रेट एंड मेंटीनेंस (ओ एंड एम) के आधार पर आरआरकेके कंपनी को दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि ओएंडएम के तहत बस अड्डे की दुकानों, सुरक्षा, अड्डा फीस उगाही, साफ-सफाई और पार्किंग आदि का सारा कार्य निजी कंपनी द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बस अड्डे को ठेके पर देने से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। मौजूदा समय में साफ सफाई आदि सहित कई कार्यों में दिक्कत पेश आ रही थी।
श्री मिन्हास ने कहा कि कर्मचारियों की कमी तथा सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रोडवेज ने बस अड्डे को ठेके पर देने का फैसला किया है जबकि अड्डे का मुख्य प्रबंधन रोडवेज के पास ही रहेगा। उन्होंने बताया कि लोगों की सुविधाओं के मद्देनजर वह समय समय पर बस अड्डे की व्यवस्था की जांच करते रहेंगे ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविघा न हो।
श्री मिन्हास ने बताया कि इस वर्ष डिपो के बस बेड़े में लगभग चार सौ नई बसों को शामिल किया जाएगा जिसमें से 300 बसें साधारण तथा दस बॉल्वों बसें शामिल हैं। इसके अतिरिक्त किलोमीटर योजना के तहत भी 43 बाल्वों तथा लगभग 150 साधारण बसें चलाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष नई बसें खरीदे जाने के पश्चात लगभग 600 बसों को रिटायर भी किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी जालंधर का बस अड्डा बड़ौदा की निजी कंपनी वैलस्पन के पास था लेकिन कंपनी से विवाद तथा अनियमितताओं के चलते न्यायालय के आदेश पर 21 जनवरी 2015 को बस अड्डे का परिचालन रोडवेज ने अपने हाथों में ले लिया था। बस अड्डे के भीतर चल रही दुकानों में से लगभग 43 दुकानदारों के साथ रोडवेज प्रबंधन के साथ किराया को लेकर न्यायालय में विवाद चल रहा है।
जालंधर बस अड्डे का निर्माण गुजरात के बड़ौदा की कम्पनी एमएसके प्रोजैक्ट ने बीओटी के आधार पर किया था। इसका निर्माण साल 2005 में शुरू होकर साल 2007 में पूरा हुआ था जिसके बाद से इस का प्रबंध वैलस्पन कम्पनी देख रही थी। निर्माण से सबंधित कुछ मुददों को लेकर संबंधित कम्पनी ने आवट्रेशन में मुक्दमा दायर कर दिया था। साल 2012 में पंजाब रोडवेज ने चंडीगढ़ स्थित सेशन कोर्ट में केस दायर किया जिसके फैसले में आठ सितंबर को न्यायानलय ने संबंधित कंपनी को प्रबंधन राडवेज को सौंपने के आदोश दिए थे। 21 जनवरी 2015 को रोडवेज के कर्मचारियों ने बस अड्डे का प्रबंधन आने हाथ में ले लिया था।
आदमपुर हवाई अड्डे से आज से शुरू हो रही उड़ानों के संबंध में श्री मिन्हास ने बताया कि आदमपुर से दिल्ली के लिए हवाई सेवा शुरू होने से रोड़वेज के जालंधर दिल्ली के लिए चल रहे वातानुकूलित बस संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।


