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विशालकाय विमान की दक्षिणी चीनी समुद्र से पहली उड़ान सफल

विशालकाय विमान की आज दक्षिणी चीनी समुद्र से पहली उड़ान सफल रही और इससे चीनी सेना की क्षमता में जोरदार इजाफा हो गया है।

विशालकाय विमान की दक्षिणी चीनी समुद्र से पहली उड़ान सफल
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बीजिंग। पानी और धरती पर उड़ान भरने में सक्षम चीन के घरेलू निर्मित विशालकाय विमान की आज दक्षिणी चीनी समुद्र से पहली उड़ान सफल रही और इससे चीनी सेना की क्षमता में ज़ोरदार इजाफा हो गया है।

दरअसल चीन की अपने पडोसियों के साथ विवादित चीनी क्षेत्र में विभिन्न मसलों पर काफी लंबे समय से तनातनी चल रही है और इस विमान के विकसित हाेने से चीनी सेना और मजबूत बन गई हैं। सरकारी टेलीविजन ने इस विशालकाय विमान एजी 600 की जुहाई हवाई अड्डे से उडान भरते समय की तस्वीरें जारी की हैं।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि यह विमान चीन के समुद्री क्षेत्रों,द्वीपों और अन्य क्षेत्रों की रक्षा करने में सक्षम है। पहले इसकी उडान इसी वर्ष के शुरू में तय की गई थी लेकिन कुछ कारणाें से इसे टाल दिया गया और कुछ परीक्षण अप्रैल में किए गए थे।

इस विमान को चीन की सरकारी कंपनी एविएशन इंडस्ट्री कोर आफ चीन ने विकसित किया है और इसे विकसित करने में आठ वर्ष का समय लगा है। चार टर्बोप्रोप इंजन वाले इस विमान का आकार बोइंग सीओ 737 के बराबर का है और इसमें कम से कम 50 सैनिकों के अलावा अन्य साजो सामान भी ले जाया जा सकता है और यह 20 सेंकड में 12 टन पानी का जोरदार छिड़काव कर सकता है। इसका इस्तेमाल आग बुझाने और अन्य कृषि उपयोगी कार्यों में किया जा सकता है।

विमान के चीफ डिजाइनर हुआंग लिंगकाई ने बताया कि यह विमान एक बार मेंचीन के हेनान प्रांत से मलेशिया के बोरनियो द्वीप तक उडान भर कर 4500 किलाेमीटर तक दूरी तय कर सकता हैं।

पारंपरिक हवाई अड्डों के अलावा यह जमीन और पानी में भी उतर सकता है और यहीं से उडान भी भर सकता है। चीन इसे अपने सैन्य आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर मान रहा है।


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