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आबादी व लीजबैक पर बनी सहमति

 दस फीसदी के आबादी के भूखंड आबंटन, आबादी निस्तारण व जमीन अधिग्रहण के बदले छह फीसदी आबादी के भूखंड लगाने की मांग को लेकर गुरुवार किसान संघर्ष सेवा समिति के नेतृत्व में दर्जनों गांव के किसान ग्रेटर

आबादी व लीजबैक पर बनी सहमति
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ग्रेटर नोएडा। दस फीसदी के आबादी के भूखंड आबंटन, आबादी निस्तारण व जमीन अधिग्रहण के बदले छह फीसदी आबादी के भूखंड लगाने की मांग को लेकर गुरुवार किसान संघर्ष सेवा समिति के नेतृत्व में दर्जनों गांव के किसान ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण कार्यालय पहुंच कर मुख्य कार्यपालक अधिकारी देवाषीष पांडा से जवाब मांगने पहुंचे।

नारेबाजी करते हुए प्राधिकरण कार्यालय के अंदर पहुंच गए और वहां पर धरना देकर बैठ गए। दोपहर करीब एक बजे सीईओ देवाषीश पांडा, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी बीके त्रिपाठी, महाप्रबंधक वित्त समेत अन्य अधिकारी किसानों के बीच पहुंच कर उनकी मांगों का जवाब देने पहुंचे। सीईओ के पहुंचते ही किसानों ने नाराजगी जताते हुए किसानों के मुद्दे पर शासन व जांच के नाम पर शोषण करने का आरोप लगाया। किसानों के रवैये पर सीईओ ने नाराजगी जाहिर की तो सीईओ व किसानों के बीच नोक-झोंक की स्थिति पैदा हो गई। इस पर किसानों ने नारेबाजी शुरू कर दी।

किसानों की नाराजगी को देख कर सीईओ को शांत होना पड़ा। उन्होंने किसानों से एक-एक करके अपनी मांग रखने की बात कही। किसानो ने सीईओ दस फीसदी आबादी, लीजबैक सहित अन्य मद्दों पर जवाब मांगा। सीईओ ने किसानों की मांगों का जवाब देते हुए कहा कि दस फीसदी विकसित भूखंड को लेकर शासन स्तर पर चर्चा हो चुकी है और जल्द ही मंजूरी देने का आश्वासन दिया है। बोर्ड से पास आबादियों की लीजबैक शुक्रवार से ही शुरू कर दी जाएगी और जो लंबित आबादी प्रकरण है उन्हें शुक्रवार से क्रमवार चार्ज बनाकर गांवों की तिथि वार लगाकर निस्तारण किया जाएगा।

जिन गांवों में जमीन उपलब्ध है उन गांवों में छह फीसदी भूखंड लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिन गांवों में जमीन उपलब्ध नहीं है उन गांवों में किसानों की सहमति के आधार पर आगे बढ़ाया जाएगा। सीईओ के जवाब पर किसानों ने सहमति जाहिर की और एक समय सीमा निर्धारित करने को कहा। जिस पर सीईओ ने कहा कि समय सीमा नहीं निर्धारित कर सकते हैं, प्राधिकरण का पूरा प्रयास रहेगा कि किसानो की समस्याओं का जल्द ही निस्तारण कर दिया जाए।

समिति के प्रवक्ता मनवीर भाटी ने बताया कि मुद्दों का समाधान के लिए दिसम्बर तक अधिकारियों को समय दिया गया है। उसके बाद कोई वार्ता नहीं होगी और आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान सूबेदार रमेश रावल, रवि प्रधान, अमोद भाटी, अजय प्रधान, प्रमोद मुखिया, अशोक त्यागी, प्रिंस त्यागी, बिजेंद्र प्रधान, दिनेश भाटी, रामी प्रधान, सूले यादव, पवन शर्मा, डॉ. जगदीश, मनोज प्रधान, ओमवीर, देवेंद्र भाटी आदि किसान मौजूद थे।


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