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राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही दो बजे तक स्थगित

 राज्यसभा में आज 12 नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाये जाने के बाद विपक्षी सदस्यों के विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित

राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही दो बजे तक स्थगित
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नयी दिल्ली। राज्यसभा में आज 12 नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाये जाने के बाद विपक्षी सदस्यों के विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी जिससे शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका।

कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन, आन्ध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने तथा दलितों के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने भारी हंगामा किया। हंगामे के बीच सभापति एम वेंकैया नायडु ने जरूरी दस्तावेज पटल पर रखवाये। हंगामे के कारण सदन में लगातार 20 वें दिन शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका।



कार्यवाही शुरू होते ही उच्च सदन में चुनकर अाये 12 नये सदस्यों को सदस्यता की शपथ दिलायी गयी। सभापति ने इसके बाद जैसे ही विधायी दस्तावेज पटल पर रखवाने की प्रक्रिया शुरू की अन्नाद्रमुक , द्रमुक , तेलुगु देशम पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। इनके हाथ में पोस्टर और बैनर थे। इन सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिये। बाद में आम आदमी पार्टी के सदस्य भी सदन के बीचोंबीच आकर नारेबाजी करने लगे।

नायडू ने सदस्यों से कहा कि जो लोग बाहर नारेबाजी करते हैं और जो सदन में नारेबाजी कर रहे हैं उनमें क्या अंतर है। सदन के दर्शक दीर्घा की ओर इशारा करते हुये उन्होंने कहा कि पूरा देश सदन को देख रहा है। कई महत्वपूर्ण विधेयक और कानून सदन के समक्ष विचाराधीन है। इसके साथ ही कश्मीर, दलित, आंध्र प्रदेश और कावेरी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की जानी है।

उन्होंने सदस्यों ने अपील की कि वे अपनी अपनी सीटों पर लौट जायें और सदन में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करें। वे सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून पर चर्चा होनी है। उन्होंने सदस्यों से लंबित पड़े विधेयकों को पारित कराने की भी अपील की। हालांकि हंगामा कर रहे सदस्यों पर उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ और वे नारेबाजी करते रहे।

उन्होंने कहा कि बजट सत्र के समाप्त होने अब मात्र दो दिन बचे हैं और कई महत्वपूर्ण विधेयक और कानून लंबित हैं।

इस बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार दलित विरोधी नहीं है। इस सरकार ने दलितों के लिए कई महत्वपूर्ण काम किये हैं। उन्होंने कांग्रेस को सबसे बड़ा दलित विरोधी बताया। नायडु ने सदस्यों के शांत नहीं होने पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।


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