सड़क दुर्घटनाओं में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई: नितिन गडकरी
सरकार ने लोकसभा में आज खुले तौर पर स्वीकार किया कि हाल के वर्षों में देश में प्रतिवर्ष होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है
नयी दिल्ली। सरकार ने लोकसभा में आज खुले तौर पर स्वीकार किया कि हाल के वर्षों में देश में प्रतिवर्ष होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह स्वीकार किया कि उनके कार्यकाल में सड़क दुर्घटनाओं में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो उनके लिए शर्मनाक है।
उन्होंने कहा,“मेरे लिए यह शर्मनाक बात है कि मेरे कार्यकाल में चार प्रतिशत दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। प्रतिवर्ष डेढ़ लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं।” वह भारतीय जनता पार्टी की अंजू बाला के उस पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने वाहन चालकों द्वारा मोबाइल के इस्तेमाल से होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में जानकारी मांगी थी।
गडकरी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में 30 प्रतिशत लाइसेंस फर्जी हैं और मौजूदा यातायात के नियमों के उल्लंघन के लिए कोई ठोस सजा के प्रावधान नहीं हैं। लेकिन सरकार सड़क यातायात सुरक्षा को तरजीह देने के लिए मोटर वाहन कानून में संशोधन के लिए विधेयक लायी है, जिसे लोकसभा से पारित किया जा चुका है और अब उसका प्रयास इसे राज्यसभा से पारित कराना है।
उन्होंने कहा कि लोगों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए वह खुद भी इससे संबंधित अभियान में शामिल हुए हैं। सरकार समाचार माध्यमों से भी लोगों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। देश में जर्जर पुलों से संबंधित एक अन्य पूरक प्रश्नों के उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 50-60 साल में यह तक पता नहीं चल सका था कि देश में पुलों की संख्या कितनी हैं और कितने पुल-पुलियों की स्थिति जर्जर है।
उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली (आईबीएमएस) शुरू की थी, जिसके जरिये राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित पुलों से संबंधित डाटा इकट्ठा किया गया है। गडकरी ने बताया कि देश के 147 पुलों की स्थिति बहुत ही खराब है। देश में एक लाख 27 हजार 288 पुलियों सहित एक लाख 63 हजार 202 पुल हैं, जिनमें से 23 पुल एक सौ साल और 1628 पुल 50 साल से अधिक पुराने हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उन्होंने पुल निगमों के अधिकारियों को आगाह किया है कि यदि किसी पुल के गिरने से किसी भी व्यक्ति की मौत होती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया जायेगा। उन्होंने बताया कि आईबीएमएस के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों के पुलों से संबंधित डाटा को डिजिटलाइज्ड किया गया है। पुलों की निगरानी एवं निरीक्षण के लिए 600 इंजीनियरों का सहयोग लिया जा रहा है। इसके लिए नैनो, लेजर और ड्रोन जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।


