राजनिवास और सरकार में नई रार
दिल्ली में जाम से निजात के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा शुरू की गई कार्रवाई पर अब दिल्ली सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल एक बार फिर आमने सामने आ गए हैं

नई दिल्ली। दिल्ली में जाम से निजात के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल द्वारा शुरू की गई कार्रवाई पर अब दिल्ली सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल एक बार फिर आमने सामने आ गए हैं। दरअसल मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने जब जाम वाले स्थानों की सूची मांग तो उपराज्यपाल ने बताया कि जाम से निजात के लिए शुरू हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने पत्र भेज कर उपराज्यपाल से पूर्ण सहयोग का आश्वाशन दिया लेकिन यह भी बताया कि न तो उनको और न ही उनके किसी मंत्री को इस मामले की जानकारी थी।
इसके बाद प्रतिक्रिया देते हुए राजनिवास नेकहा कि निर्वाचित सरकार का यह बयान कि उनको अंधेरे में रखा गया समझ से परे है, आज जो पत्र मुख्यमंत्री को भेजा गया उसमे इन तथ्यों के अनुसार उपराज्यपाल ने सूचित किया कि 28 मार्च 2017 को टास्क फोर्स की प्रस्तुति की समीक्षा की सबसे पहली बैठक के मिनट्स परिवहन मंत्री के सचिव को भी भेजे गए थे। उस बैठक में 4 और 5 पायलट कॉरिडोर पर त्वरित कार्य करने का निर्णय लिया गया जैसे की 03 मई 2017 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में 05 मुख्य कॉरिडोर चिन्हित किये गए और प्रत्येक के लिएकार्य योजना बनाई गयी इस बैठक का मिनट की प्रति भी भेजी गई। इसके बाद उपराज्यपाल ने 16 मई 2017 को एक और बैठक की जिसमें विशेषत: दो मुख्य कॉरिडोर, ऑरबिंदो मार्ग से अंधेरीया मोड़ और सावित्री फ्लाईओवर चिराग दिल्ली क्रासिंग से सावित्री फ्लाईओवर पर ध्यान केंद्रित किया गया।
राजनिवास ने बताया कि शहरी विकास मंत्री ना केवल इस बैठक में उपस्थित थे बल्कि उन्होंने सुझाव भी दिए। बैठक के मिनट्स उनके सचिव को भेजे गए। लोक निर्माण मंत्री छह जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल पिटिशन संख्या 4999-2017 मनु मिश्रा बनाम दिल्ली सरकार और अन्य के सन्दर्भ में दिए गए आदेश पर किये गए कार्यो की समीक्षा के सन्दर्भ में हुई बैठक में भी उपस्थित थे। इन तथ्यों को उपराज्यपाल ने पांच जुलाई को मुख्य मंत्री को भेजे गए पत्र में साफ़ उल्लेख किया गया है। इस पृष्ठभूमि के तहत उपराज्यपाल ने आश्चर्य व्यक्त किया की मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को इस मुद्दे की कोई जानकारी नहीं थी इसके बावजूद पिछले छह महीनो में इस पर काफी काम हो चुका है और मंत्री बैठकों में आ रहे हैं और उन्हें सूचित भी किया जाता रहा है और मुद्दा मीडिया में प्रचारित भी हो रहा है। राजनिवास ने उम्मीद जताई कि इस जटिल समस्या का सभी हित धारकों के सहयोग से प्रभावी समाधान ढूंढ लिया जायेगा।


