महानदी जल विवाद के निपटारे के लिए प्राधिकरण के गठन को मंजूरी
सरकार ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच महानदी जल विवाद के निपटारे के लिए प्राधिकरण के गठन की आज मंजूरी दे दी।

नयी दिल्ली। सरकार ने ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच महानदी जल विवाद के निपटारे के लिए प्राधिकरण के गठन की आज मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आज यहाँ हुई बैठक में इसकी मंजूरी दी गयी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, ओडिशा के अनुरोध पर “महानदी जल विवाद प्राधिकरण” के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है।
प्राधिकरण महानदी के बेसिन में उपलब्ध पानी की मात्रा, बेसिन में स्थित सभी राज्यों के योगदान, उनमें पानी के मौजूदा इस्तेमाल तथा भविष्य में विकास की संभावनाओं के आधार पर राज्यों के बीच जल बँटवारे पर फैसला करेगा।
उम्मीद है कि प्राधिकरण के फैसले से ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद पर विराम लग जायेगा।
प्राधिकरण का गठन अंतर राज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम, 1956 के तहत किया गया है।
अधिनियम के अनुसार, प्राधिकरण में अध्यक्ष के साथ दो और सदस्य होंगे जिनका मनोनयन प्रधान न्यायाधीश करेंगे।
सभी सदस्य उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश होंगे।
प्राधिकरण को अपनी रिपोर्ट सौंपने तथा फैसला देने के लिए तीन साल का समय दिया जायेगा जिसे अपरिहार्य परिस्थितियों में दो साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है।


