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नया नियम आने के बाद अवैध खनन के मामले  कम हुए

 सरकार ने आज बताया कि खनन संबंधी नया कानून बनने के बाद से अवैध खनन के मामले कम हुये हैं।  

नया नियम आने के बाद अवैध खनन के मामले  कम हुए
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नयी दिल्ली। सरकार ने आज बताया कि खनन संबंधी नया कानून बनने के बाद से अवैध खनन के मामले कम हुये हैं। खनन मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को बताया कि वित्त वर्ष 2015-16 में देश में अवैध खनन के 1,10,476 मामले सामने आये थे। वर्ष 2016-17 में इनकी संख्या घटकर 96,089 रह गयी और चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने में सितंबर तक अवैध खनन के 41,358 मामले पाये गये।

प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में श्री तोमर ने बताया कि अवैध खनन रोकने के लिए तथा खनन में पारदर्शिता लाने के लिए खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) कानून, 2015 में नियमों को कठोर बनाया गया है। अवैध खनन के मामले में दो साल की कैद और 25 हजार रुपये जुर्माने को बढ़ाकर पाँच साल की कैद और पाँच लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। वहीं, खनन में नियमों के उल्लंघन के मामले में एक साल की कैद और पाँच हजार रुपये के जुर्माने की जगह दो साल की कैद और पाँच लाख रुपये प्रति हेक्टेयर जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

लिखित उत्तर में पेश आँकड़ों के अनुसार अप्रैल 2013 से सितंबर 2017 के बीच अवैध खनन के कुल 4,36,194 मामले सामने आये थे। इनमें सबसे ज्यादा 1,44,784 मामले महाराष्ट्र से थे। इस दौरान कुल 21,450 प्राथमिकी और 64,420 न्यायिक मामले दर्ज किये गये और 2,30,877 वाहन जब्त किये गये। राज्य सरकारों ने इन मामलों में कुल 2,329.27 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल किया है।
श्री तोमर ने कहा कि अवैध खनन पर कार्रवाई का अधिकार राज्य सरकार को है। राज्य सरकारों ने इसके लिए कार्यबल का भी गठन किया है और “समय-समय पर” कार्यबल कार्रवाई भी करते हैं। उन्होंने बताया कि नये कानून में अवैध खनन रोकने के लिए राज्यों को विशेष न्यायालयों के गठन का अधिकार भी दिया गया है।

खनिकों के कल्याण के संबंध में पूछे गये एक पूरक प्रश्न के उत्तर में तोमर ने कहा कि खनिज क्षेत्रों में खनिजों की मात्रा के साथ गरीबी भी अधिक है। उन्होंने बताया कि नये कानून में जिला खनिज फाउंडेशन का प्रावधान है। इसके तहत पुरानी प्रणाली के आधार पर आवंटित खदानों की रॉयल्टी का 30 प्रतिशत और बोली प्रक्रिया द्वारा आवंटित खदानों का 10 प्रतिशत इस फाउंडेशन को जाता है। खनन क्षेत्र वाले 12 बड़े ने इसके तहत 13,398 करोड़ रुपये जुटाये हैं।

खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत 2,74,110 परियोजनाएँ चलायी जा रही हैं जिन पर 2,260 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि खास बात यह है कि इस मद में एकत्र राशि जिला स्तर पर ही खर्च की जा सकती है।


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