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बंधकों को वापस लाने वाले इजरायली अभियान का नाम 'रिटर्न टू देयर बॉर्डर'

इजरायल-हमास शांति ढांचे के पहले चरण पर सहमत हो गए हैं। इसके तहत बंधकों की रिहाई होनी है

बंधकों को वापस लाने वाले इजरायली अभियान का नाम रिटर्न टू देयर बॉर्डर
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तेल अवीव। इजरायल-हमास शांति ढांचे के पहले चरण पर सहमत हो गए हैं। इसके तहत बंधकों की रिहाई होनी है। पूरा इजरायल उत्साहित है। बंधकों को सुरक्षित वापिस लाने की तैयारी जोरों पर है। इस बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अभियान को एक नाम भी दिया है और वो 'रिर्टन टू देयर बॉर्डर' है।

द टाइम्स ऑफ इजरायल ने इस बात की जानकारी दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के हवाले से बताया कि युद्धविराम समझौते के तहत गाजा में शेष 48 बंधकों (जीवित-मृत दोनों) को वापस लाने के इजराइली अभियान को 'रिटर्न टू देयर बॉर्डर' (सामान्य भाषा में कहें तो अपने घर वापसी) अभियान कहा जाएगा।

दरअसल, इस अभियान का नाम बाइबिल की यिर्मयाह की पुस्तक में अक्सर उद्धृत एक वर्स (ईश्वर के वचन) से लिया गया है, जिसे पारंपरिक रूप से रोश हशनाह के दिन यहूदी प्रार्थना स्थल में पढ़ा जाता है, जहां ईश्वर वादा करते हैं कि इजरायली बच्चे निर्वासित होने के बाद "अपने बॉर्डर में लौटेंगे।" इस पद का प्रयोग इजरायली राजनीति और संस्कृति में युद्ध की समाप्ति के प्रतीक के रूप में अक्सर किया जाता रहा है।

बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने "बंधकों को बचाने के अभियान को 'रिटर्न टू देयर बॉर्डर' कहने का फैसला किया है।" ये बंधकों की रिहाई के चरण को मंजूरी देने के लिए सुरक्षा कैबिनेट और सरकारी बैठक से पहले हुआ था।

इस बीच, रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा है कि उन्होंने आईडीएफ को निर्देश दिया है कि गाजा पट्टी में इजरायली सेना को नुकसान पहुंचाने की हमास की किसी भी कोशिश का "पूरी ताकत से जवाब" दिया जाए, क्योंकि सरकार इस क्षेत्र में युद्धविराम को मंजूरी देने वाली है।

काट्ज ने गुरुवार शाम सुरक्षा कैबिनेट की बैठक से पहले आईडीएफ के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की।


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