सरसों का साग: रसोई की खुशबू और शरीर का कवच।

आयुर्वेद इसे सर्दियों का सुपरफूड मानता है।
सरसों के पत्ते गर्म प्रकृति के होते हैं।
वात और कफ दोष को संतुलित करते हैं।
पाचन शक्ति बढ़ाता है।
सर्दी-जुकाम और जोड़ों के दर्द से राहत देता है।
विटामिन A, C, K, E से भरपूर।
आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम मौजूद।
शरीर को डिटॉक्स करता है।
कोशिकाओं की रक्षा और ऊर्जा प्रदान करता है।
सरसों के पत्तों में बथुआ/पालक मिलाएं।
धीमी आंच पर पकाएं, तड़के में घी, लहसुन, अदरक डालें।
सरसों का साग + मक्की की रोटी = परफेक्ट कॉम्बिनेशन।
पोषक तत्वों का अवशोषण और स्वाद दोगुना।
थायरॉइड/पथरी के मरीज अधिक मात्रा में न लें।
संतुलित सेवन से इम्युनिटी मजबूत होती है।