नई दिल्ली, 22 अक्टूबर। पूर्व सेनाध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह के 'कुत्ता' बयान पर हंगामा रुका न था कि उन्होंने पत्रकारों को आगरा के पागलखाने में भरती होने की नसीहत दे कर एक और विवाद पाल लिया।
हरियाणा में दो दलित बच्चों को जिंदा जलाए जाने की घटना के लिए पूर्व सेनाध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह ने गुरुवार को एक पारिवारिक झगड़े को जिम्मेदार ठहराया। सिंह ने एक सादृश्य प्रस्तुत करते हुए यह भी कहा कि "अगर कोई किसी कुत्ते पर पत्थर फेंकता है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है।" इस बयान पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया आई है। पार्टियों ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त करने और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।
बयान पर विवाद पैदा होने के बाद सिंह ने सफाई देते हुए कहा है कि उनकी बात को गलत समझा गया है। उनका मकसद किसी प्रकार की तुलना करना नहीं था।
सिंह ने संवाददाताओं से कहा था, "अगर कोई किसी कुत्ते पर पत्थर फेंकता है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। यह दो परिवारों के बीच का झगड़ा था और मामले की जांच जारी है।"
सिंह का यह बयान हरियाणा के फरीदाबाद जिले में मंगलवार को सवर्ण जाति के कुछ लोगों द्वारा एक दलित परिवार के घर में आग लगाए जाने की घटना के बाद आया, जिसमें परिवार के दो बच्चे जिंदा जल गए थे और उनके माता-पिता गंभीर रूप से जल गए थे।
सिंह ने कहा, "प्रशासन की नाकामयाबी का दोष सरकार के माथे पर नहीं मढ़ा जाना चाहिए।"
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग करते हुए कहा कि उन पर कानून के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
सुरजेवाला ने मीडिया से कहा, "वीके सिंह ने जो कहा, वह बेहद अमानवीय और अस्वीकार्य है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मोदी के मंत्रियों को क्या हो गया है। अनुसूचित जाति/जनजाति के खिलाफ अत्याचार अधिनियम के तहत उन पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए।"
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सिंह को बर्खास्त करने और उन पर पुलिस में मामला दर्ज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सिंह का बयान शर्मनाक और कानूनी कार्रवाई के योग्य है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा कि "भाजपा नेताओं के विवेकहीन बयानों से हक्का-बक्का हूं..इसमें हरियाणा में दलितों की हत्या पर बयान भी शामिल है।
सिंह ने बाद में अपने वक्तव्य पर सफाई देते हुए कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, "मेरा बयान किसी प्रकार की तुलना करना नहीं था। जाति, संप्रदाय या धर्म के मतभेद के बिना मेरे लोग और मैं देश के लिए सीमा पर अपनी जान की बाजी लगाते हैं।"
ट्वीट में सिंह ने कहा, "मैं इसी भावना के साथ अभी और सदैव देश की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं। हमारा देश, इसकी कामयाबी और लोग मुझे प्रतिदिन प्रेरित करते हैं।"
हालांकि सिंह ने लिखा कि "स्थानीय मुद्दों" को उकसाना नहीं चाहिए।
सिंह ने कहा, "इस महान देश के नागरिक के तौर पर हम संवेदनशील हैं, लेकिन साथ ही जिम्मेदार भी हैं। भारत किसी भी एक पड़ोस या व्यक्ति से बड़ा है। हम सभी को एकजुट रहना चाहिए और किसी को भी स्थानीय मुद्दों को उकसाकर हमारी विविधता का लाभ उठाने का मौका नहीं देना चाहिए।"
सिंह ने सीएनएन-आईबीएन चैनल से कहा, "अगर किसी को लगता है कि मैंने दलित को कुत्ता कहा है तो इसका मतलब है कि उसका दिमाग फिर गया है।"
बाद में उन्होंने अपने बयान में घालमेल के लिए मीडिया को भी दोषी बताया।
उन्होंने कहा, "अगर कोई पत्रकार इन दो मुद्दों (कुत्ते वाली बात और दलितों की हत्या) को एक में मिला देता है तो उसे फिर पत्रकारिता छोड़ देनी चाहिए और आगरा के पागलखाने में भरती हो जाना चाहिए।"
सिंह का यह बयान भी विवादों में आ गया। उनकी पार्टी ने उन्हें बचाने की कोशिश की।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "मंत्री ने सफाई दी है कि उनकी बात को गलत समझा गया है..इसे और तूल न दें। हर मुद्दे का जाति और धर्म के आधार पर राजनीतिकरण करने का चलन चल पड़ा है। हमें हर बात को जाति और धार्मिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।"