नई दिल्ली । पिछले एक साल में भ्रष्टाचार, जमीन अधिग्रहण, पर्यावरणीय मंजूरी मिलने, गैर-पर्यावरणीय नियमों तथा कराधान नीति में सुधार नहीं होने से देश में कारोबार करना अभी भी आसान होता नहीं दिख रहा। उद्योग संगठन एसोचैम ने आज यहा 'ईज ऑफ डूइंग इंडेक्सÓ जारी करते हुए यह बात कही। उसने कहा कि सूचकांक तैयार करने के लिए हुए सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाली कंपनियों में 65.9 प्रतिशत का मानना है कि केंद्र सरकार के विभागों में भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ है। वहीं, 46.3 प्रतिशत का मानना है कि राज्य सरकारों के विभागों में भ्रष्टाचार का स्तर बढ़ा है। प्रतिभागियों में 51.2 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि केंद्र सरकार के स्तर पर भूमि अधिग्रहण की दिक्कतें पिछले साल के स्तर पर जस की तस हैं। वहीं, 48.8 प्रतिशत का मानना है कि राज्य सरकार के स्तर पर भी इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ। केंद्र सरकार से पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के मामले में 48.8 फीसदी तथा राज्य सरकार से यह मंजूरी मिलने के मामले में 53.7 फीसदी कंपनियों ने स्थिति में सुधार से इनकार किया है। वहीं, गैर पर्यावरणीय मंजूरी के मामले में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के स्तर पर कोई सुधार नहीं होने की बात क्रमश: 58.5 और 53.7 प्रतिशत कंपनियों ने कही है। केंद्र सरकार के तहत आने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के बारे में 56.1 प्रतिशत ने यथास्थिति की बात कही। राज्य सरकार की अधीनस्थ परियोजनाओं में 51.2 प्रतिशत ने एक साल में सुधार नहीं होने की शिकायत की। एसोचैम ने कहा है कि कराधान में सुधार नहीं होने से इसे लेकर अभी भी निवेशक आश्वस्त नहीं हैं। उसने कहा कि कर-नीति निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है। सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाली कंपनियों का कहना है कि कराधान में सुधार कारोबार को आसान बनाने की दिशा में सबसे ज्यादा महत्व रखता है।