परिवहन क्षेत्र की दो प्रतिशत हिस्सेदारी से देश की जीडीपी दोहरे अंक तक पहुंच जाएगी : गडकरी
नई दिल्ली ! सरकार ने सागरमाला परियोजना के तहत बंदरगाहों को विश्वस्तरीय बनाने और जलपरिवहन के इस्तेमाल को बढ़ाकर देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दो प्रतिशत की वृद्धि करने की योजना बनाई है। सड़क परिवहन, राजमार्ग तथा पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सागरमाला पर शीर्ष समिति की पहली राष्ट्रीय बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि परिवहन क्षेत्र की दो प्रतिशत हिस्सेदारी से देश की जीडीपी दोहरे अंक तक पहुंच जाएगी। गडकरी ने कहा कि जलमार्ग से ढुलाई सड़क मार्ग की तुलना में करीब छह गुना कम और रेलवे की अपेक्षा तीन गुना सस्ता पड़ता है। चीन जैसे देश में जलमार्ग के कारण फैक्ट्रियों को कच्चे माल की आपूर्ति होती है जिससे उनका उत्पाद बहुत सस्ता होता है। उन्होंने देश में जल परिवहन को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ाया जाएगा। सागरमाला पर इससे पहले यहां हुई शीर्ष समिति की बैठक में कहा कि बैठक में गोवा, मुंबई तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ ही तटीय क्षेत्र के अन्य प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और केंद्र सरकार की सागरमाला परियोजना को आगे बढ़ाने और उसका साथ देने का आश्वासन दिया।
सड़क दुर्घटनाओं में कमी के उपाय जरूरी
सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने की योजना बनाने पर जोर देते हुए आज कहा कि इसके लिए सड़क निर्माण तकनीक जैसे विशेष उपाय किए जाने की जरूरत है। श्री गडकरी ने यहां अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिसंघ द्वारा आयोजित दो दिन के क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि सड़कें ऐसी बनाई जानी चाहिए जो सुरक्षित हों और जिनमें पैदल चलने वाले लोगों के लिए भूमिगत पारपथ और सुरक्षा की अन्य व्यवस्थाएं हों। उन्होंने कहा कि वाहन उद्योगों को अपने वाहनों में सुरक्षा के प्रभावी उपाय सुनिश्चित करने होंगे। इसके साथ ही जनता को उनकी भूमिका के बारे में जागरूक बनाने की जरूरत है इसके लिए अभियान चलाकर इसमें प्रमुख लोगों को शामिल किया जाना चाहिए। मंत्रालय में सचिव विजय छिब्बर ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के मामले में सरकार ने सड़क सुरक्षा कोष बनाया है। सड़क सुरक्षा को अब कंपनियों की सामाजिक जिम्मेदारी में भी शामिल किया गया है। इसके लिए आधुनिक ड्राइविंग स्कूल और स्वचालित वाहन निरीक्षण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।