• फर्जी कंपनियां बनाकर करोड़ों की ठगी, 5 गिरफ्तार

    कोरबा ! एटीएम का पासवर्ड और 16 अंकों का नंबर प्राप्त कर ठगी करने वाले अंतर प्रांतीय गिरोह के सदस्यों को झारखंड से गिरफ्तार करने की महत्वपूर्ण सफलता के बाद कोरबा पुलिस ने एक और बड़ी सफलता पाई है। विभिन्न फर्जी कंपनियां बनाकर नेटवर्किंग के जरिए करोड़ों रुपए ठगने वाले एक युवती सहित 5 लोगों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।...

    0 एसबीआई के बांकी शाखा प्रबंधक से भी ठगे थे 24.77 लाख कोरबा !   एटीएम का पासवर्ड और 16 अंकों का नंबर प्राप्त कर ठगी करने वाले अंतर प्रांतीय गिरोह के सदस्यों को झारखंड से गिरफ्तार करने की महत्वपूर्ण सफलता के बाद कोरबा पुलिस ने एक और बड़ी सफलता पाई है। विभिन्न फर्जी कंपनियां बनाकर नेटवर्किंग के जरिए करोड़ों रुपए ठगने वाले एक युवती सहित 5 लोगों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। इन्होंने बांकीमोंगरा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी से करीब 25 लाख की ठगी की थी। सभी आरोपियों को जेल दाखिल करा दिया गया। मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक अमरेश मिश्रा ने बताया कि स्टेट बैंक आफ इंडिया की बांकीमोंगरा शाखा में विशेष सहायक शाखा प्रबंधक कृष्ण कुमार राठौर ने बिरला सन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में 3 लाख रुपए का बीमा पांच वर्षों के लिए कराया था। तीन किश्त वर्ष 2010-2011, 2012 का 75 हजार रुपए जमा किया गया था और दो किश्त जमा नहीं किया गया था।  23 मार्च 2015 को उसके मोबाइल पर अपने आपको बिरला सन लाइफ का एजेंट मुकेश बताकर फोन किया और श्री राठौर की पालिसी का डिटेल बताते हुए शेष दो किश्त एक खाता नंबर देकर उसमें जमा करने कहा। राठौर ने 27 हजार 661 रुपए के दो किश्त इस खाता में जमा कर दिए। इसके बाद मुकेश का फोन आना बंद हो गया। इसी तरह से लगातार अन्य नंबरों से फोन आते रहे और कृष्ण कुमार द्वारा विभिन्न खातों में चेक के माध्यम से 15 किश्तों में कुल 24 लाख 77 हजार 921 रुपए जमा करा दिया। राठौर को कहा गया था कि 25 जुलाई को जमा की गई राशि का दोगुना रकम मिलेगा लेकिन समय पर रकम नहीं मिलने पर कृष्ण कुमार द्वारा उक्त नंबरों पर फोन लगाया गया तब सभी नंबर बंद मिले। नंबर बंद मिलने पर उसे ठगी का एहसास होने के बाद रिपोर्ट बांकीमोंगरा थाना में दर्ज कराई। 3 सितंबर को बांकीमोंगरा थाना में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 116/15, धारा 420, 34 के तहत अपराध पंजीबद्घ किया गया। 0 दिल्ली से देशभर में चला रहे थे गोरखधंधा पुलिस जांच में पता चला कि जिन खाता नंबरों में पैसा जमा कराया गया है, वे दिल्ली के हैं। इस आधार पर पुलिस की एक टीम दिल्ली रवाना की गई। करीब 10 दिनों की जांच में पुलिस ने संबंधित बैंक खाता से जुड़े लोगों की पतासाजी कर गिरफ्तारी कार्रवाई शुरू की। पकड़े गए आरोपियों में दिल्ली के 3-404 गली नंबर-2, अशोक नगर थाना ज्योतिनगर सरहदा निवासी गौरव कुमार उर्फ पियूष भार्गव पिता प्रमोद कुमार 23 वर्ष, उत्तर प्रदेश जिला गाजियाबाद सोन्दा रोड निवासी आकाश अरोरा पिता अनिल कुमार अरोरा 24 वर्ष, पूर्वी दिल्ली साउथ अनारकली थाना जगतपुरी निवासी कु. प्रियंका सिंह पिता दिलीप सिंह राजपूत 24 वर्ष दिल्ली सहादरा निवासी राजकुमार पिता रतनपाल सिंह 26 वर्ष और नागलोई दिल्ली निवासी मुकेश मिश्रा पिता रविन्द्र मिश्रा 26 वर्ष शामिल हैं। ये सभी फर्जी कंपनियां कस्टमर मनी बैंक, हालीडे पैकेज, स्टार यात्रा प्रायवेट लिमिटेड, मैक्स वैल्यू क्लब, एजोन प्रायवेट लिमिटेड, दिल्ली टूर एंड ट्रैव्हल्र्स व कार्पोरेशन सर्विस दिल्ली के बतौर डायरेक्टर काम करते हुए एजेंटों के माध्यम से लोगों को ठगते थे। प्रियंका सिंह के दफ्तर से एक कम्प्यूटर, मानिटर व दूसरे युवकों के आवास से लेखा-जोखा संबंधी रिकार्ड जब्त किए गए हैं। इसके द्वारा इंडियन ओवरसिज बैंक, विजया बैंक जनकपुरी, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यश बैंक प्रीति विहार में संचालित 7 खातों को सीज करा दिया गया है। 0 पूर्व अनुभवों व संबंध का बेजा लाभ पकड़े गए सभी आरोपी पढ़ाई करने अथवा नौकरी की तलाश में दिल्ली पहुंचे थे। इसमें मुकेश मिश्रा और प्रियंका सिंह प्रेमी-प्रेमिका हैं जो अफसर बनने दिल्ली आए थे। सभी शिक्षित युवकों द्वारा विभिन्न कंपनियों व कॉल सेंटर में काम किया जा रहा था। बातचीत करने के तरीके और काम के दौरान नियोजक कंपनियों के ग्राहकों से जान पहचान बढ़ाने का फायदा इन लोगों ने उठाया। बाद में कॉल सेंटर की नौकरी छोडक़र सीए के मार्फत आडिट एसेस्मेंट के आधार पर कंपनी चलाने के लिए बैंकों में खाता खुलवाया और दुकानदारी शुरू कर दी। किसी भी कंपनी का पंजीयन इनके द्वारा पंजीकृत नहीं कराया गया है। ग्राहकों से पूर्व संबंध और अपनी तरफ से किए गए कार्य के महत्व को दर्शाते हुए ज्यादा लाभ का लालच देकर भरोसे में लिया जाता रहा। मुकेश बिरला सन लाइफ में काम के दौरान कृष्ण कुमार से परिचित था और इसी का फायदा उठाकर 24 लाख रुपए जमा कराए गए थे। कामकाज के लिए एजेंट भी थे जो ग्राहकों को झांसा देकर इन डायरेक्टरों के खाते में पैसा जमा कराते थे। इसके एवज में 30 से 40 प्रतिशत कमीशन उन्हें मिलता था। खाता में रकम जमा होते हुए उसे निकाल लिया जाता। प्रारंभिक छानबीन और रिकार्ड के आधार पर 2 करोड़ की ठगी इनके द्वारा करना पाया गया है। जांच में ये आकड़े और भी बढ़ सकते हैं। 0 जागरुकता के बाद भी ठगा जाना चिंताजनक : एसपी पुलिस अधीक्षक ने हाईटेक ठगी के लगातार सामने आ रहे मामलों के मद्देनजर लोगों को जागरुक किए जाने के बाद भी इस तरह से ठगी का शिकार होने को चिंताजनक बताया। जिलावासियों से अपील की है कि थोड़े से अधिक लाभ के लिए अपनी जिंदगी भर की कमाई न लुटाएं और किसी भी अनजानी, गैर बैंकिंग कम्पनियों, संदिग्ध संस्थानों में किसी भी तरह का निवेश न करें।


     

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